अरकान:-
मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन फ़ऊलुन
खुली आँखें हैं,पर सोया हुआ हूँ
तुम्हारी याद में डूबा हुआ हूँ।।
बदन इक दिन छुआ था तुमने मेरा
उसी दिन से बहुत महका हुआ हूँ।।
मुझे पागल समझती है ये दुनिया
तसव्वुर में तेरे खोया हुआ हूँ।।
जहाँ तुम छोड़कर मुझको गये थे
उसी रस्ते पे मैं बैठा हुआ हूँ।।
ख़ुदा का है करम 'संतोष' मुझ पर
हर इक महफ़िल पे मैं छाया हुआ हूँ।।
#संतोष_खिरवड़कर
(मौलिक एवं…
ContinueAdded by santosh khirwadkar on March 29, 2018 at 4:30pm — 12 Comments
अरकान:फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फाइलुन
ज़िन्दगी से दूर कब तक जाओगे,
किस तरह सच्चाई को झुटलाओगे।।
सादगी इतनी मियाँ अच्छी नहीं,
ज़िन्दगी में रोज़ धोका खाओगे।।
तल्ख़ यादें दिल से मिटती ही नहीं,
ज़िन्दगी में चैन कैसे पाओगे।।
तुम ग़मों को मात देना सीख लो,
अश्क पीकर कब तलक ग़म खाओगे।।
अपनी कमज़ोरी को ज़ाहिर मत करो,
वरना हर सौदे में घाटा खाओगे।।
(मौलिक एवं…
ContinueAdded by santosh khirwadkar on March 12, 2018 at 11:00pm — 15 Comments
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