हाथ धरे बैठे नेताजि , नौका कैसे होवे पार !!
कैसे जीतें युद्ध चुनावी , लगा हुआ नेता दरबार !
सबके सब भिड गय जुगत मैं, रेडी खड़े सभी लठमार !!
भरा दिया पर्चा नेता का, भीड़ इकट्ठी हुई अपार !
लगा दिया फोटु भारी सा, होने लगा खूब परचार !!
पर्चा भर नेताजी पहुँचे , परम प्रभू भोले के द्वार !
परिक्रमा नेताजी करते , डोक लगाते बारमबार !!
मन मैं सिमर रहे नेताजि ,…
Added by Sachin Dev on April 21, 2014 at 1:30pm — 20 Comments
221 2121 1221 212
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जिंदगी मैं अभी भी कुछ इम्तेहान बाकी हैं
गुजरी हैं आंधियां अभी तूफ़ान बाकी हैं
मैं दूर तेरी महफ़िल से जाऊं भी तो कैसे
महफ़िल मैं तेरी मेरे भी कदरदान बाकी हैं
बे-ईमानों की दुनिया मैं घूमता हूँ शान से
जब तक मेरे सीने मैं मेरा ईमान बाकी है
लौटकर के मौत भी घर से मेरे खाली गई
मेरी माँ का कोई ऐसा वरदान बाकी है
सो रहा है मुल्क मेरा जो सुकूं…
ContinueAdded by Sachin Dev on April 14, 2014 at 4:00pm — 29 Comments
देख चुनावी वर्ल्ड कप, का सज गया मैदान
ट्रोफी इसकी पाने को , सब नेतागन परेशान
सोच रहे हैं सब कैसे, मतदाता को रिझायें
कम ओवर मैं अब कैसे, रन तेजी से बनायें
कैसे उसे मनाये जो, मतदाता पहले से रूठा
निकल जाये न मैच, कैच जो हाथों से छूटा
जो बॉलर भी आये समक्ष, उसको मारो बल्ला
चाहे चौका लग न पाये, मचे छक्के का हल्ला
जीतेंगे है हर हाल मैं हमतो, ठोंक रहे हैं ताल
गति गेंद की तेज रहे चाहे, हो जाये नो…
Added by Sachin Dev on April 8, 2014 at 4:30pm — 8 Comments
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