2122 2122 2122 212
1
अश्क पीना छोड़ दें हम दिल लगाना छोड़ दें
एक उनकी मुस्कुराहट पर ज़माना छोड़ दें
2
हर किसी के आप दिल में आना जाना छोड़ दें
इश़्क को सौदा समझ क़ीमत लगाना छोड़ दें
3
कह दें अपनी चूड़ियों से खनखनाना छोड़ दें
दिल के रिसते ज़ख़्मों पर यूँ सरसराना छोड़ दें
4
लग गए हों ताले ख़ामोशी के जिनके होठों पर
उनसे उम्मीदें सदाओं की लगाना छोड़ दें
5
कब तलक फिरते रहेंगे आप ग़म के सहरा…
ContinueAdded by Rachna Bhatia on April 5, 2022 at 9:00pm — 8 Comments
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