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वह दौर था जो गुजर गया
था इक नशा जो उतर गया
देखा था उसने फरेब से
दिल आशिकाना सिहर गया
मुफलिस समझ के जनाब वो
पहचानने से मुकर गया
जिस पर भरोसा किया बहुत
वह यार जाने किधर गया
जब साथ था तो कमाल था
अब जिन्दगी का हुनर गया
इक ठेस ही थी लगी मुझे
मैं कांच सा था बिखर गया
जिस नाग ने था डसा मुझे
मैंने सुना है कि मर…
ContinueAdded by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on April 7, 2017 at 9:19pm — 10 Comments
दुनिया का सबसे अद्भुत
पति पत्नी के बीच अमर प्रेम का स्मारक
विश्व के तथाकथित आश्चर्यों में से एक
जहा दफ़न है दो आत्माएं
जिसे बनवाया था
मुग़ल शहंशाह शाहजहाँ ने
अपने बेमिसाल पत्नी प्रेम के आडम्बर में
या फिर अपने वैभव की झूठी शान में
जो उसके बेटे ने ही ख़त्म की
उन्हें कैद में डालकर
ताजमहल
जिसे खुद शाहजहाँ ने नहीं बनाया
उसे गढा था
उस युग के बेमिसाल वास्तुकारों ने
स्तब्ध किया था दुनिया…
ContinueAdded by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on April 2, 2017 at 8:54pm — 5 Comments
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