1222-1222-1222-1222
ग़ज़ल
बदलना भी ज़रूरी है सदा अच्छा नही रहता
खुदा से प्यार करते हो तो फिर पर्दा नही रहता
हमारे सामने देखो बना अफसर से वो माली
दिनों का फेर है साहिब सदा पैसा नहीं रहता
बने गद्दारहै जो घूमें करें हैं देश से धोखा
उन्हें फिर मौत मिलती है निशां उनका नहीं रहता
जमीं तिड्की हलक प्यासे तडपते है परिंदे भी
लगाये पेड़ जो होते तो फिर सूखा नही रहता
ये नफरत की हैं दीवारें इन्हें तुम तोड़ दो वरना…
Added by munish tanha on May 26, 2016 at 9:30am — 3 Comments
2122-2122-212
ग़ज़ल
इस तरह सब पे इनायत कीजिए
बोल कर मीठा इबादत कीजिए
यूँ न दुनिया से बगावत कीजिए
दिल मिला सब से मुहब्बत कीजिए
चाँद छत पे आ गया तुम को नज़र
पेश अपनी अब शराफत कीजिए
नफरतें सारी ये मिटटी में मिलें
प्यार को ऐसी इमारत कीजिए
बोल भारत की जमीं तुमसे रही
माँ समझ कर कुछ तो इज्जत कीजिए
मुनीश “तन्हा” नादौन 9882892447 (मौलिक…
ContinueAdded by munish tanha on May 23, 2016 at 7:17pm — 4 Comments
212 – 212 – 212 – 212 ग़ज़ल
किस तरह आप से मैं कहूं प्यार है
जिक्र से ही हुआ दिल जो गुलज़ार है
आपका साथ है और क्या चाहिए
आप ही का बना दिल तलबगार है
जान लो तुम मुहब्बत तो है इक बला
इस से बचना बड़ा ही तो दुशवार है
रोग उसको अचानक ही समझो लगा
अब बना घूमता वो तो अख़बार है
जब हकीकत समझ आई तो देर थी
जो हुआ सो हुआ अब तो इकरार है
हुस्न ने लूट लाखों लिए सोच कर
हो गया इक नया जख्म सरकार है
मुनीश…
ContinueAdded by munish tanha on May 17, 2016 at 10:30am — 6 Comments
ग़ज़ल2122-1212-22
अब तो चेहरा गुलाब लगता है
ना पढ़ी वो किताब लगता है
दर से तेरे खुदा असर पाया
रात दिन अब सबाब लगता है
जब से डूबी है सोहनी इसमें
मुझको कातिल चिनाब लगता है
खुश वो दिखता बहुत है अब सबको
जख्म गहरा जनाब लगता है
प्यार के नाम पर करे झगड़ा
सोच के ही इताब लगता है
मुनीश 'तन्हा'....नादौन...9882892447
मौलिक व अप्रकाशित
Added by munish tanha on May 16, 2016 at 6:04pm — 2 Comments
22-22-22-22-22-22-22-2
सच को लिख कर तुम दुनिया में होने का इज़हार करो
झूठी बातेँ सारी छोड़ो दिल को ना लाचार करो
गर जीवन में मुश्किल आए हिम्मत को मत हारो तुम
शिकवे छोड़ो मन में ठानो फिर ख़ुद को औज़ार करो
कितने अच्छे वो दिन लगते जब हम छोटे बच्चे थे
मम्मी पापा कहते फिरते मत दिन को बेकार करो
नफरत जग में जिसने बांटी देखो उसका हाल बुरा
तोड़ो सारी तुम दीवारें मिल के सबसे प्यार करो
मिट्टी पानी आग हवा केवल जरिया…
ContinueAdded by munish tanha on May 7, 2016 at 11:30am — 2 Comments
2122 - 1212 - 22
जख्म दे के हवा करे कोई
इस तरह भी वफ़ा करे कोई
आप तो मेरी जान हो जानम
देख कर ये जला करे कोई
प्यार में शर्त तुम लगाते हो
सोच कर के दगा करे कोई
दूर मंजिल तो रास्ता केसा
रात औ दिन चला करे कोई
वो बना है मरीज इस खातिर
पास उस के रहा करे कोई
हर कदम झूठ फ़िक्र धोखा है
अब कहाँ तक सहा करे कोई
.
मुनीश “तन्हा” नादौन…
ContinueAdded by munish tanha on May 5, 2016 at 9:00pm — 2 Comments
2122 - 2122 - 2122 - 212
सांस उनको देख कर के है इधर चलने लगी
कब मिले वो रोज मुझको आरजू रहने लगी
.
फ़िक्र में हर दम ये दिल डूबा मुझे अब है लगे
उनको अपना है बनाना सोच ये जगने लगी
.
प्यार की गलियाँ बड़ी बदनाम दुनिया में मगर
क्या करें अपनी तबियत जो अगर सजने लगी
.
आप तो हैं हुस्न की तस्वीर जो अनमोल है
ये करिश्मा देख कर दुनिया भी अब जलने लगी
.
ख़ुद खुदा भी सोच के अब है परेशां हो रहा
के बनाकर…
ContinueAdded by munish tanha on May 4, 2016 at 1:00pm — 3 Comments
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