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Asha pandey ojha's Blog – June 2010 Archive (2)

Gzal

इक तेरे तसव्वुर ने महबूब यूं संवार दी ज़िन्दगी



कि तेरे बगैर भी हमने हँस कर गुजार दी ज़िन्दगी



राहें -मुहब्बत में दर्दो -ग़म देने वाले बेदाद सुन



तेरी इस सौगात के बदले हमने निसार दी ज़िन्दगी



तमाम उम्र यूं रखा हमने अपनी साँसों का हिसाब



जैसे किसी सरफ़िरे ने ब्याज़ पर उधार दी ज़िन्दगी



बात मुक़दर की जब आये शिकवा -गिला बेमानी है



जिसने तुझे गुल बनाया उसी ने मुझे ख़ार दी ज़िन्दगी



तूं ही बता ऐ ख़ुदा उसकी आतिश -अफ़सानी… Continue

Added by asha pandey ojha on June 27, 2010 at 10:16am — 9 Comments

हवा मिस- झुक -लुक -लुक -छुप

हवा मिस- झुक -लुक -लुक -छुप





डार-डार से करे अंखियां चार





कस्तूरी हुई गुलाब की साँसें





केवड़ा,पलाश करे श्रृंगार





छूते ही गिर जाये पात लजीले





इठलाती-मदमाती सी बयार





सुन केकि-पिक की कुहूक-हूक





बौरे रसाल घिर आये कचनार





अम्बर पट से छाये पयोधर





सुमनों पर मधुकर गुंजार





कुंजर,कुरंग,मराल मस्ती में





मनोहर,मनभावन… Continue

Added by asha pandey ojha on June 7, 2010 at 12:44pm — 11 Comments

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