122 – 122 – 122 - 122
न मुश्किल बढ़ा आजमाने से पहले
नजर को मिला दिल लगाने से पहले
सफ़र ज़िन्दगी का रहा फिर अधूरा
खुदा याद आया न जाने से पहले
वो दिन रात हलकान पैसे में देखो
करे मोल बाज़ार आने से पहले
तुम्हे भी तो आखिर यही सब मिलेगा
जरा सोच लो तुम सताने से पहले
मुहब्बत में शर्तें तो होती नहीं हैं
सही पाठ पढ़ लो ज़माने से पहले
.
गयी…
ContinueAdded by munish tanha on June 29, 2016 at 5:30pm — 4 Comments
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