ग़ज़ल
1212 1122 1212 22/112
सुख़न में पैदा तेरे किस तरह कमाल हुआ
हज़ार बार यही मुझसे इक सवाल हुआ
तमाम उम्र गुज़ारेंगे किस तरह यारो
हमें तो साँस भी लेना यहाँ मुहाल हुआ
लिखा न जाएगा ख़त में ख़ुद आके देख लो तुम
तुम्हारे इश्क़ में जो भी हमारा हाल हुआ
हुनर नहीं ये हमारा अता ख़ुदा की है
कि शे'र जो भी कहा हमने बेमिसाल हुआ
ज़बाँ से कह न सके वो मगर सुना ये है
हमारे जाने का उनको बहुत मलाल…
Added by Samar kabeer on July 24, 2021 at 6:30pm — 17 Comments
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