तुम मेरे हो या कोई पराये
निश्चित तो कर लेने दो
मेरी सूखी आँखों में
कुछ पानी तो भर लेने दो
या तो आकर ठहर ही जाओ
या फिर दूर चले जाओ
यादों को मंजूर नहीं है
तेरा यूँ आना जाना
उमेश कटारा
मौलिक व अप्रकाशित
Added by umesh katara on July 19, 2015 at 8:54am — 3 Comments
Added by umesh katara on July 5, 2015 at 12:26pm — 5 Comments
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