Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 30, 2016 at 5:32pm — 5 Comments
फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन
212 1222 212 1222
जिन्दगी में कुछ लम्हे बेमिसाल तो आये
ख्वाब में खयालों में कुछ सवाल तो आये
बेखुदी में हैं अब भी, काश होश आ जाता
माँ को अपने बच्चे का कुछ खयाल तो आये
रूप में उधर चांदी , इश्क में इधर सोना
रोशनी बहुत होगी कुछ उछाल तो आये
फूल खूबसूरत है, है नहीं मगर खुशबू
हुस्न तो नुमायाँ है बोल-चाल तो आये
यूँ तो खून बहता है आदमी की धमनी…
ContinueAdded by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 1, 2016 at 4:00pm — 13 Comments
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