“ कब से इंतज़ार कर रहा हूँ तेरा I एक राज़ की बात बतानी है I’’ राधा के बाहर आते ही अब्दुल ड्राईवर झट उसके पास आ गया I
“जल्दी बता, बहुत काम पड़ा है I” झटके का कपड़ा कमर में खोंसती राधा बोली I
“ कल तू बता रही थी ना कि मेमसाब आजकल बदली बदली हैं, बहुत मीठा बोलती हैं , टूट फूट में चिल्लाती भी नहीं हैं I’’
“ हाँ तो ?’’
“दोनों कड़वे करेलों की दरियादिली का राज़ आज खुल गया है I’’ अब्दुल का अंदाज़ भेद भरा था I
“दोनों मतलब ?’’
“ साहब भी आजकल मीठे हो रहे हैं I…
ContinueAdded by pratibha pande on July 6, 2017 at 6:00pm — 9 Comments
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