बहुत सोचा तो लगा
सच ही तो कहते हैं
वे तो भर्ती होते हैं मरने के लिए
अवगत होते हैं
अपने कार्य के निहित खतरों से
पर एक बात समझ नहीं आयी
जब सामने से चलती हैं गोलियां
उनके पास भी तो होता है
भाग खड़े होने का विकल्प
पर वे भागते क्यों नहीं
देते हैं गोलियों का जवाब
पीघला देते हैं लोहे को
अपने सीने में कैद करके
बारूद को कर देते हैं बर्फ
वे धोखा नहीं दे पाते
अपनी मातृभूमि को
राजनेताओं की तरह
मेरी समझ में कुछ कमी है शायद…
Added by Neeraj Neer on July 18, 2015 at 8:18pm — 6 Comments
एक नदी पर एक पुल था , जिसमे सात पाये थे। एक बार सबसे बीच वाले पाए ने सबसे किनारे वाले पाए से कहा “जानते हो यह पुल मेरी वजह से ही है। नदी की जलधारा का सबसे ज्यादा प्रवाह मैं ही झेलता हूँ। मैं हमेशा पानी में डूबा रहता हूँ, तुमलोगों का क्या किनारे खड़े रहते हो, बरसात में कभी कभी नदी की जलधारा तुम तक पहुँचती है वरना सालो भर ऐसे ही खड़े रहते हो, तुम्हारी उपयोगिता ही क्या है। मेरे कारण ही लाखों लोग इस पुल का प्रयोग कर नदी के आर पार जा पाते हैं । “
किनारे वाले पाये ने कोई जवाब नहीं दिया। कुछ…
Added by Neeraj Neer on July 5, 2015 at 3:00pm — 12 Comments
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