221 2121 1221 212
मुझको तेरे रहम से मयस्सर तो क्या नहीं
जिस और खिड़कियां है उधर की हवा नहीं
हमको तो तेरी खोज में बस ये पता चला
तेरा पता बस इतना है तू लापता नहीं
उसने तमाम गीत लिखे औरों के लिए
फिर भी वो मेरे दिल के लिए बेवफा नहीं
यूं तो तमाम लोग तरक्की पसंद है
मैं इश्क से अलग कभी कुछ लिख सका नहीं
वह इसलिए ही जीत के बेहद करीब है
क्या-क्या कुचल गया है कभी सोचता नहीं
सबका…
ContinueAdded by मनोज अहसास on August 24, 2019 at 11:30pm — 3 Comments
पीछे मायूसी का साया आगे खतरा अनजाना है
हर लम्हा ये सोच रहा हूँ खुद को कैसे समझाना है
तेरी यादों का सूरज भी काम नहीं आता अब मेरे
मुझको इस मुश्किल मौसम में खुद से दूर चले जाना है
हम दिल की बातें लिखते हैं दिल न दुखाने की सीमा तक
ऊंची सोच की इस महफिल से हमको जल्द ही उठ जाना है
तेरे खतों की मधुर कहानी सोच से पीछे छूट गई है
पैथोलॉजी की रिपोर्ट का हाथों में एक अफसाना है
मां की हथेली चूम के निकला फौजी बेटा अपने घर…
ContinueAdded by मनोज अहसास on August 18, 2019 at 10:30pm — 3 Comments
2×15
कोई अपना साथ न आए, हर कोशिश नाकाम लगे
मेरे पास चले आना जब, जीवन ढलती शाम लगे
इसको पिछले जन्मों का फल,कहते हैं दुनिया वाले
पेड़ बबूल के बोये फिर भी,उसके हाथों आम लगे
बिक जाने की लाचारी का,एक तजुर्बा ये भी है
जितनी ज्यादा खुद्दारी थी,उतने ही कम दाम लगे
चौथ का चांद देखने वाले,पर लगता है झूठा दोष
हमने तो पूनम को देखा फिर भी सौ इल्जाम लगे
टूटा मन है ,रोगी तन है, रिश्तों में बेगानापन
यारो कुछ…
Added by मनोज अहसास on August 7, 2019 at 9:13pm — 4 Comments
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