द्वेष,बुराई,दुष्टता ,ना ही हो अनाचार
भेदभाव नफरत मिटे ,करो सभी से प्यार ||
आजादी के बाद भी, ख़त्म हुई ना जंग
गुंडागर्दी है बढ़ी ,दानव फिरें दबंग ||
काम ,मोह, मद, लालसा,फैला भ्रष्टाचार
मानव दानव है बना ,करता अत्याचार ||
देश प्रेम की भावना, होगी तब साकार
दूर हटे जब दीनता ,सपने लें आकार ||
बिजली पानी झोंपड़ी ,इसकी है दरकार
पेट भरे हर एक का, तभी सफल सरकार…
Added by Sarita Bhatia on August 24, 2014 at 1:29pm — 10 Comments
कृष्ण पक्ष की अष्टमी ,मध्यरात का काल
मथुरा में पैदा हुआ ,मोहक छवि का बाल ||
कृष्ण लला की झाँकियाँ ,करती भाव विभोर
आई जो जन्माष्टमी ,धूम मची चहुँ ओर ||
पुत्र देवकी वासु के ,पले यशोदा धाम
तारे सबकी आँख के,कृष्ण रखा था नाम ||
दोस्त सुदामा कृष्ण से ,देकर गए मिसाल
शासक,सेवक का मिलन,करता सदा कमाल ||
कृष्ण बचाने द्रौपदी ,अब तो लो अवतार
दुशासन हैं,गली गली , करते अत्याचार ||
युग पुरुष श्री कृष्ण थे…
ContinueAdded by Sarita Bhatia on August 17, 2014 at 9:55pm — 19 Comments
कभी कभी
सोचती हूँ मैं
जब हाथ भरा है लकीरों से
कुछ तो मतलब होगा इसका
हरेक के कोई मायने होंगे
कौन कौन सी लकीर किस किस तक़दीर के नाम
यह तो बताये कोई
मुझे समझाए कोई
सुना था...
हाथों की चंद लकीरों का
यह खेल है बस तकदीरों का
अपने हाथ में लकीरें तो बहुत हैं
पर तक़दीर शायद रूठ गई है
आप ठीक कहते थे
बदल जाती हैं तकदीरें
अगर मेहनत से हाथ की लकीरें बदल दी जाएँ
इसीलिए करती हूँ…
ContinueAdded by Sarita Bhatia on August 2, 2014 at 5:00pm — 14 Comments
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