2122 - 2122 - 2122 - 212
हुस्न तो मिट जाएगा फिर भी अदा रह जाएगी
ढल चलेगी ये जवानी पर वफ़ा रह जाएगी
साथ मेरे तुम हो जब तक प्यार की सौग़ात है
बिन तुम्हारे ज़िन्दगी ये इक सज़ा रह जाएगी
जब तलक माँ-बाप राज़ी बस दुआ मक़्बूल है
दिल दुखा तो फ़र्श पर ही हर दुआ रह जाएगी
ईद का दिन है तेरी रहमत भी है अब जोश में
मेरे जैसों की भी झोली ख़ाली क्या रह जाएगी
कर भलाई के भी…
ContinueAdded by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on September 12, 2021 at 10:38pm — 4 Comments
2122 - 2122
तू शफ़ीक़-ओ-मह्रबाँ है
तुझसा माँ कोई कहाँ है
तेरे आँचल का ये साया
मुझको जन्नत का गुमाँ है
तेरा दामन मेरी दुनिया
और क़दम सारा जहाँ है
रंज हो या हो ख़ुशी बस
तू सदा ही ख़ुश-बयाँ है
बिन तेरे ये ज़िन्दगी तो
ख़ाक है या फिर धुआँ है
तेरे दामन के ये रौज़न
माँ ये मेरी कहकशाँ …
Added by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on September 12, 2021 at 2:30pm — 4 Comments
2122 - 2122 - 212
करते हो इतनी जो ये तकरार तुम
कैसे दिलबर के बनोगे यार तुम
तौलते हो प्यार भी मीज़ान में
प्यार को समझे हो क्या व्यापार तुम
इश्क़ में जब तक न होगी हाँ में हाँ
हो नहीं सकते कभी दिलदार तुम
हम-ज़बाँ हों इश्क़ में - पहला सबक़
सीख कर करना वफ़ा इज़हार तुम
जानेमन जज़्बात को समझे बिना
पा नहीं सकते किसी का प्यार तुम
दिल के…
ContinueAdded by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on September 7, 2021 at 5:59pm — 13 Comments
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