इश्क के मजार पर
पाकीजा रुह का दीया रखते वक्त
जैसे ही उसने चुन्नी से सिर ढांका
लौ थर्रा कर बोली
उसके साथ ही उसका
दीन और ईमान भी वापस लौट गया
उसके साथ ही
ख्वाब और खुलूस भी खो…
ContinueAdded by Gul Sarika Thakur on September 3, 2013 at 8:30pm — 7 Comments
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