आदरणीय योगराज जी , आदरणीय सौरभ जी , आदरणीय समर भाई जी , तथा जिस मित्र ने भी कभी भी मेरा मार्ग दर्शन किया सभी को समर्पित ,करती हूँ ये रचना .
जीवन निर्माता भाग्य विधाता सब दुःख हरता ईश्वर है़
तृण तृण परिभाषित राह प्रदर्शित पग- पग करता गुरुवर है़
गिर जाने पर हाथ बढ़ाना
हर मुश्किल में पार लगाना
गहन तमस में घिर जाने पर
भटकों को यूँ राह दिखाना
तेरी अनुकंपा के आगे
कष्टों की धुंध का छट जाना
पतझड़ के मारे तरुओं पर
हरित हरित…
Added by rajesh kumari on September 5, 2019 at 4:30pm — 6 Comments
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