For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Samar kabeer's Blog – September 2015 Archive (3)

ग़ज़ल :- जान के दावेदार थे सदमे

फ़ाइलातुन मफ़ाइलुन फ़ेलुन/फ़ाइलुन/फ़ेलान



जान के दावेदार थे सदमे

मै अकेला, हज़ार थे सदमे



इस क़दर पाइदार थे सदमे

मेरे हमदम थे,यार थे सदमे



मेरे दिल में मुक़ीम हैं अब तो

कल तलक बे दियार थे सदमे



कोई भी बच नहीं सका इन से

सब के दिल पर सवार थे सदमे



कोई तामीरी काम , नामुम्किन

सारे तख़रीब कार थे सदमे



'मीर'-ओ-'ग़ालिब' के बाद दुनिया में

सिर्फ मेरे ही यार थे सदमे



सोच ने मेरी इनको जन्म दिया

ज़ह्न का ख़लफ़िशार… Continue

Added by Samar kabeer on September 27, 2015 at 2:30pm — 16 Comments

ग़ज़ल :- मगर वो साज़िशें करता रहेगा

मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन फ़ऊलुन

नज़र पे जब तलक पर्दा रहेगा
तुम्हारा अक्स भी धुंदला रहेगा

मैं ज़ख़्मों की तिजारत कर रहा हूँ
बताओ फ़ायदा कितना रहेगा

वो सरगोशी में बातें कर रहा है
जो देखेगा उसे ख़दशा रहेगा

मिलेंगे हम मगर ये शर्त होगी
हमारे दरमियाँ पर्दा रहेगा

वहाँ मेरी ख़मोशी काम देगी
वो अपनी आग में जलता रहेगा

"समर" ,मालूम है अंजाम उसको
मगर वो साज़िशें करता रहेगा

"समर कबीर"
मौलिक/अप्रकाशित

Added by Samar kabeer on September 21, 2015 at 11:15pm — 21 Comments

ग़ज़ल :- थक गया मैं

फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ा



समझा समझा कर हरजाई थक गया मैं

दुनिया फिर भी समझ न पाई थक गया मैं



मेरे घर में पाँव न रक्खा ख़ुशियों ने

बजा बजा कर ये शहनाई थक गया मैं



पूरा करते करते सात सवालों को

कहता है अब हातिम ताई थक गया मैं



जाहिल आक़िल को तस्लीम नहीं करते

करते करते उनसे लड़ाई थक गया मैं



मेरी बुराई करते करते आज तलक

थक न पाई सारी ख़ुदाई थक गया मैं



मैंने सबसे मिलना जुलना छोड़ दिया

दरवाज़े पर लिख दो भाई थक… Continue

Added by Samar kabeer on September 4, 2015 at 10:00pm — 23 Comments

Monthly Archives

2024

2023

2022

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद * बम बन्दूकें और तमंचे, बिना छिड़े ही वार। आए  लेने  नन्हे-मुन्ने,…"
5 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" प्रात: वंदन,  आदरणीय  !"
10 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद : रौनक  लौट बाजार आयी, जी   एस   टी  भरमार । वस्तुएं …"
10 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम..."
17 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Monday
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service