२२१/१२२२/२२१ /१२२२
इस द्वार गड़े मुर्दे उस द्वार गड़े मुर्दे
जीवन में लड़ाते हैं क्यों यार गड़े मुर्दे।१।
हर बार नया मुद्दा पैदा तो नहीं होता
देते हैं सियासत को आधार गड़े मुर्दे।२।
मौसम है चुनावी क्या राहों में खड़ा यारो
लेने जो लगे हैं फिर आकार गड़े मुर्दे।३।
भाता नहीं जिनको भी याराना जमाने में
लड़ने को उखाड़ेंगे दो चार गड़े मुर्दे ।४।…
Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 20, 2018 at 10:00am — 16 Comments
खाता क्यों है खार पड़ौसी
क्या मन है बीमार पड़ौसी।१।
इतनी जल्दी भूल गया क्यों
बचपन के हम यार पड़ौसी।२।
सच जाने पर खूब करे क्यों
बेमतलब तकरार पड़ौसी।३।
जो कहना है सम्मुख कह दे
मत कर पीछे वार पड़ौसी।४।
जबरन हम तो नहीं घुसेंगे
क्यों ढकता है द्वार पड़ौसी।५।
लड़ना भिड़ना पागलपन है
इसमें सब की हार…
Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 19, 2018 at 12:02am — 16 Comments
221 2121 222 1212
हाकिम ही देश लूट के जब यूँ फरार हो
ऐसे में किस पे किस तरह तब ऐतबार हो।१।
रूहों का दर्द बढ़ के जब जिस्मों को आ लगे
बातों से सिर्फ बोलिए किसको करार हो।२।
इनकी तो रोज ऐश में कटती है खूब अब
क्या फर्क इनको रोज ही जनता शिकार हो।३।
हर शख्श जब तलाश में अवसर की लूट के
हालत में देश की भला फिर क्या सुधार हो ।४।
मुट्ठी में सबको चाहिए पलभर में चाँद भी
मंजिल के बास्ते किसे तब इन्तजार हो…
Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 13, 2018 at 4:56am — 13 Comments
२२१/ २१२१ /२२२/१२१२
हर शख्स जो भी दूर से भोंदू दिखाई दे
देखूँ करीब से तो वो चालू दिखाई दे।१।
अब तो हवा भी कत्ल का सामान हो रही
लाज़िम नहीं कि हाथ में चाकू दिखाई दे।२।
मालिक वतन के भूख से मरते रहे यहाँ
सेवक की तस्तरी में नित काजू दिखाई दे।३।
सच तो यही कि जग में है मन से फकीर जो
सोना भी उसको दोस्तो बालू दिखाई दे।४।…
Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 10, 2018 at 9:01pm — 6 Comments
शिक्षक दिवस के दोहे
बनते शिष्य महान तब, शिक्षक अगर महान
शिक्षक बिन हर इक रहा, अधकचरा इन्सान।१।
जिसने जीवन भर किया, शिक्षक का सम्मान
जग ने उसका है किया, इत उत बड़ा बखान।२।
शिक्षक थोड़ा सा अगर, दे दे जो उत्साह
भटका बालक चल पड़े, सदा सत्य की राह।३।
पथ की बाधा नित हरी, जिसने राह बुहार
दे थोड़ा सा मान कर, शिक्षक का आभार।४।…
Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 4, 2018 at 9:00pm — 9 Comments
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