For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Anand murthy's Blog – October 2014 Archive (3)

उत्तर जहां से अब ..

हाय राम क्या करे जी कोई ...जवाब चाहिए

उत्तर जहां से अब तो कुछ लाजवाब चाहिए

लौकी आलू भिण्डी टमाटर लड़ते  हैं  बाजार में

इस दिवाली  हमको  ही इक खिताब चाहिए

पटाखों फुलझड़ी को देख बच्चे मचल रहे हैं

टूटी आस लिए वो पूछें कितने बेताब चाहिए

मजबूरियों में निःशब्द बाप आंसू बहा रहे हैं

फीकी जेब तेज हाट में माथों पर आब चाहिए

लड्डू बर्फ़ी रसगुल्ला हमसे यूँ  अब दूर हुए

मिश्री घोलें रिश्तों में मिठास बेहिसाब…

Continue

Added by anand murthy on October 21, 2014 at 5:00pm — No Comments

घर मेरे सावन का..............................

आज मौसम   ....बड़ा आशिकाना है

शब्द के मोतियों से  उन्हें सजाना है

 

हर्फ़ में ही सही  तस्वीर बनाई बहुत

कहीं और    जिनका अब ठिकाना है

 

जिसकी खातिर यहाँ रातें बिताई बहुत

उनका इधर से यूँ रोज आना जाना है

 

ख्वाब में डाल पर झूले झूलेंगे हम

घर मेरे सावन का यूँ आना जाना है

 

स्वप्न में आकर फ़िर से लुभाओ प्रिय

जहाँ  न मेरा न तेरा कोई  बहाना है

 

कैसे कह दूँ उन्हें प्यार करता नहीं

पहले दीदार…

Continue

Added by anand murthy on October 11, 2014 at 11:58pm — 3 Comments

चुटकियों से माँ...................

एक छतरी है जो याद मुझको बहुत आती है|

चुनरी पालने की याद मुझको रोज आती है |।

 

सुधियों से परिपूर्ण,सुध बचपन की आती है |

अंगने के झूले की,याद उस उपवन की आती है|।

 

सायबान की छाया में ..पालने की गोदी में.......

हरकतों पर मेरी दूर खड़ी माँ खूब  मुस्कुराती है।।

 

चुटकियों से माँ, मेरे चेहरे पर सरगम सजाती है |

डूबकर मेरी किलकारियों में ,हर गम भूल जाती है|।

 

माँ मुझे पालना झुलाती है ,कभी गोदी में हिलाती है…

Continue

Added by anand murthy on October 8, 2014 at 4:30pm — 4 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
8 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
12 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
15 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
17 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
29 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
29 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
30 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
31 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, पोस्ट पर आने और सुझाव के लिए बहुत बहुत आभर।"
35 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार बहुत शुक्रिया आपने वक़्त निकाला बहुत आभारी हूँ आपका आपने बहुत माकूल इस्लाह…"
1 hour ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है आदरणीय विकास जी। मतला, गिरह और मक़्ता तो बहुत ही शानदार हैं। ढेरो दाद और…"
1 hour ago
Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलक राज जी सादर अभिवादन, ग़ज़ल के हर शेअर को फुर्सत से जांचने परखने एवं सुझाव पेश करने के…"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service