बड़े दिल का तो वो कद में बड़ा होने से पहले था
जमीं से राब्ता उसका ख़ुदा होने से पहले था
करें मत फ़िक्र अब मेरी सभी एहबाब घर जाएँ
मुझे एहसास-ए-तन्हाई नशा होने से पहले था
हुनर आया तपिश सहकर हजारों चोट खाकर ही
फ़कत माटी का लोंदा वो घड़ा होने से पहले था
बुरी सुहबत ने ही उसको मियाँ ऎसा बनाया है़
वगरना नेक बच्चा वो बुरा होने से पहले था
मुखौटे में निहाँ कितना घिनौना रूप था उसका
मसीहा वेश में ढोंगी सज़ा होने से पहले…
Added by rajesh kumari on October 1, 2019 at 12:00pm — 7 Comments
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