सूरज ने फक्कड़ से कहा:
"मुझे झुक कर सलाम कर !"
"तुझे सलाम करूं ? मगर क्यों?"
"ये दुनिया का दस्तूर है, चढ़ते सूरज को सभी सलाम करते हैं !"
"करते होंगे, मगर मैं तेरे आगे सिर नहीं झुकऊँगा !"
"मगर क्यों ?"
"क्योंकि तू बहुत कमज़ोर और निर्बल है, जिस दिन सबल हो जाएगा मैं तेरे आगे सर ज़रूर झुकाऊंगा !"
"कमज़ोर और निर्बल ? और वो भी मैं ?"
"हाँ !"
"तो अगर मैं ये साबित कर दूं कि मैं सबल हूँ, तो क्या तुम मुझे सलाम करोगे?"
"एक बार नही सौ सौ बार सिर झुकाकर सलाम…
Added by योगराज प्रभाकर on October 28, 2010 at 9:30am — 42 Comments
Added by योगराज प्रभाकर on October 16, 2010 at 7:20pm — 18 Comments
Added by योगराज प्रभाकर on October 16, 2010 at 7:00pm — 23 Comments
मुलजिम को संबोधित करते हुए न्यायधीश ने कहा:
"तुम पर आरोप है कि तुम सीमा पार से ५ लाख रुपये की जाली करंसी, १० लाख रुपये ने नशीले पदार्थ और भारी मात्रा में गोला बारूद लाते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किए गए हो ! इस से पहले कि अदालत कोई निर्णय सुनाये, क्या तुम अपनी सफाई में कुछ कहना चाहोगे?"
दोनों हाथ जोड़ कर मुलजिम ने जवाब दिया,
"केवल एक सवाल पूछने की इजाज़त चाहूँगा हुज़ूर !"
"इजाज़त है", न्यायधीश ने कहा
"जाली करंसी, नशीले पदार्थ और हथियारों का ज़िक्र तो आपने कर दिया, मगर मुझ से…
Added by योगराज प्रभाकर on October 16, 2010 at 7:00pm — 7 Comments
Added by योगराज प्रभाकर on October 8, 2010 at 10:30am — 1 Comment
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