रद्दी - लघुकथा -
"अरे, ये क्या, सारी की सारी पुस्तकें वापस लेकर आ गये।"
"क्या करूं पुष्पा, तुम ही बताओ? पूरा दिन बाजार में घूमता रहा इतना भारी इतनी कीमती पुस्तकों का बैग लेकर, लेकिन कोई दुकानदार…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on October 30, 2021 at 7:05pm — 8 Comments
मोहन दास जब यमराज के सामने पहुंचे,"मोहन जी, जब आपको गोलियाँ लग गयीं और आप लगभग मरणासन्न हो गये तो उस वक्त राम को पुकारने का क्या तात्पर्य था?”
"महोदय, आप मेरे "हे राम" उच्चारण का अर्थ शायद समझ नहीं सके।”
"क्या इसमें भी कोई गूढ़ रहस्य है? मेरे विचार से तो यह एक मरते हुए व्यक्ति द्वारा अपने इष्ट देव से अपनी रक्षा हेतु मात्र एक याचना…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on October 7, 2021 at 11:30am — 8 Comments
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