!!! पर दीवाना धीर साहस डॉंटता !!!--संशोधित
बह्र- 2122 2122 212
ताड़ना के शब्द निश-दिन बॉंचता।
प्यार है आसां मगर क्यों? छॉंजता।।
हाथ से पतवार मांझी छोड़ कर,
जाल कल्मष का बिछाता हॉंपता।।
मीन का व्यापार करता - बाद में,
लाख जन्मों तक भटकता कॉंपता।
जाति जालिम जान तक भी छीनती,
धर्म की छतरी शिखा पर तानता।
सिर चढ़ाते हैं बड़े ही प्यार से,
बागबां ही बाग को फिर छॉंटता।
सोचता हूं आज…
ContinueAdded by केवल प्रसाद 'सत्यम' on November 19, 2013 at 8:30pm — 13 Comments
!!! मनमोहन रूप सॅंवार रहे !!!
दुर्मिल सवैया- आठ सगण
मनमोहन रूप सॅंवार रहे, छवि देख रहे जमुना जल में।
सब ग्वाल कमाल धमाल करें, झट कूद पड़े जमुना जल में।।
अधरों पर ज्ञान भरी मुरली, रस धार बहे जमुना जल में।
गउ-ग्वालिन डूब गयीं रस में, तन तैर रहे जमुना जल में।।
के0पी0सत्यम/ मौलिक व अप्रकाशित
Added by केवल प्रसाद 'सत्यम' on November 13, 2013 at 6:00pm — 23 Comments
!!! सत्य खुलकर पारदर्शी हो गई !!!
बह्र - 2122 2122 212
आज कल की धूप हल्की हो गई।
रंग बातें अब चुनावी हो गई।।
आईना तो खुद बड़ा जालिम यहां
सत्य खुल कर पारदर्शी हो गई।
प्यार का अहसास सुन्दर सांवरा,
दर्द बाबुल की कहानी हो गई।
जब कभी उम्मीद मुशिकल से जगे,
आस्था भी दूरदर्शी हो गई।
आईना को तोड़कर बोले खुदा,
श्वेत दाढ़ी आज पानी हो गई।
शोर है कलियुग यहां दानव हुआ,
साधु सन्तों सी…
Added by केवल प्रसाद 'सत्यम' on November 10, 2013 at 3:13pm — 26 Comments
!!! दीवाली क्या चीज है !!!
जीवन का उद्देश्य सम, हर पल रहें प्रसन्न।
मृत्यु काल के घाट पर, नहीं पूंछती प्रश्न।। 1
सदा दिया के सम बनो, उजला रहे समाज।
निश-दिन पाप मुक्त तभी, कर दीवाली आज।। 2
यह प्यारा संसार है, दीन-हीन के संग।
दीपक जिनके घर नही, उनके लिए पतंग।। 3
लक्ष्मी को पूजें सभी, धनतेरस है कमाल।
बहू हमारी कर्ज सी, नित झगड़ा जंजाल।। 4
आलम-गौरव गले मिलें, होली हो या ईद।
नेता झंझट कील से, उकसाते…
Added by केवल प्रसाद 'सत्यम' on November 2, 2013 at 9:32am — 20 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |