भूख नैसर्गिक है ,
पर रोटी , रोटी
नैसर्गिक नहीं है।
भूख का निदान
स्वयं को करना होता है ,
रोटी कमानी पड़ती है ,
रोटी खरीदनी पड़ती है ,
रोटी पर टैक्स चुकाना पड़ता है ,
रोटी निदान है , आय का जरिया है।
भूख ऐसी कुछ नहीं , उसका निदान ,
आदमी से क्या कुछ नहीं करा देता है ,
उसे एक शब्द में कमाई कह देते हैं।
अपने लिए , अपने पेट के लिए।
सब कुछ नैसर्गिक है ......... ?
व्यापार के लिए , राजस्व के लिए।
मौलिक…
ContinueAdded by Dr. Vijai Shanker on November 27, 2021 at 11:29am — 2 Comments
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