For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Manan Kumar singh's Blog – November 2014 Archive (4)

उच्छवास

अब  हद हो गयी आजमाने की,
मेरे बुलाने की, तेरे न आने की।
रहे छुपाते अपनी-अपनी कबसे,

पर्दाशुदा हुआ नजर ज़माने की।
बेदम पड़ी ख्वाहिशें भी देख लो,
तेरी  पाने की,अपनी लुटाने की।

कितना कहें शेर? फिजां तेरे रुत

में आने की,मेरे कसम निभाने की।
अपनी खुदी खुद मिटा माँगता मैं
कुछ तेरी नेमतें गले लगाने की।

@मनन (मौलिक व अप्रकाशित)

 

Added by Manan Kumar singh on November 24, 2014 at 10:33pm — 7 Comments

नाटिका (लघु कथा )

नाटिका

ग्राम महोत्सव गरिमा बिखेर रहा था । लक –दक सजावट, बार –बालाओं की अठखेलियाँ, हास्य कलाकारों के करतब गज़ब ढाये हुए थे । सोम –रस की सरिता जन से  लेकर प्रतिनिधि तक को सराबोर किये थी । शीत ऋतु में उष्णता का अहसास ऐसा ही होता है। तन आधे –अधूरे ढँके होने से क्या? मन की उमंगों पर कोई लगाम न होनी चाहिए । हर तरफ मादकता छितरायी –सी जाती है, जो जितना  लपक -झटक ले। एक पत्रकार ने नेताजी से मुखातिब हो सलाम ठोंका । नेताजी  मुँह बिचकाते –बिचकाते रह गये ।कैमरे…

Continue

Added by Manan Kumar singh on November 14, 2014 at 7:54am — 3 Comments

हथेली (लघु कथा )

हथेली

अभी –अभी बुद्धिजीवियों की नगरी में सत्ता का चुनाव हुआ । किसी दल को जरूरी बहुमत नहीं हासिल हुआ । सत्ता –दल  धूल फाँकता नजर आया ।वह  चुने हुए प्रतिनिधियों की संख्या  के आधार पर तीसरे स्थान पर रहा ।  पहले सबसे बड़े दल की उम्मीदों पर झाडू फिर गया, हसरतों का फूल मुरझाते –मुरझाते बचा ।  । एक नवोदित दल को सदन में संख्या के अनुसार दूसरा दर्जा प्राप्त  हुआ । अब सरकार बने तो कैसे ? शासन –कार्य कौन देखेगा ?सत्ता –च्युत दल ने विपक्ष में बैठने की अपनी बात कही । दूसरे दर्जे वाले…

Continue

Added by Manan Kumar singh on November 13, 2014 at 9:02am — 11 Comments

एक छईण्टी आलू

एक छईण्टी आलू

बात पुरानी है , गाँव से जुड़ी हुई । बटेसर के काका यानि पिताजी विद्या बोले जाते थे । सब उनको बाबा कहते तथा बटेसर को काका ।  लिखने –पढ़ने के नाम  पर  बाबा का बस अंगूठे के निशान से ही काम चल जाता था , पर अच्छे –अच्छों को बातों में धूल चटा देना उनके बायें हाथ का खेल था ।बथान में बैलों को सानी (खाना –पानी ) दे रहे बटेसर से बात करते –करते भोला को कुछ याद आया, तो वह कुएँ से पानी निकलते बाबा की ओर मुड़कर बोला , ‘ बाबा ! उ महेसर भाई के आलू…

Continue

Added by Manan Kumar singh on November 12, 2014 at 9:00am — 7 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" प्रात: वंदन,  आदरणीय  !"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद : रौनक  लौट बाजार आयी, जी   एस   टी  भरमार । वस्तुएं …"
5 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम..."
11 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Monday
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service