For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव's Blog – November 2016 Archive (3)

नमक का विधाता

सात नदियाँ मिलती हैं

गुजरात के कच्छ में

समुद्र से

 

उस स्थल पर

जिसे ‘रण’ कहते है

और जहां सबसे खारा होता है 

समुद्र का पानी

नमक बनाने के लिए

जिसे हम लवण भी कहते है

और इसी से बनता है

एक मोहक शब्द

लावण्य

जो प्रकट करता है

मनुष्य के जीवन और उसके रंगों में

नमक की महत्ता, उपादेयता और स्वाद

 

पर

कभी किसी ने सोचा है गोर्की की भाँति

कि किस संत्रास में जीते है

नमक…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 23, 2016 at 8:00pm — 7 Comments

गजल (बह्रे मीर )

  2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2

इंसानी फितरत के जलवे दिन ये कैसे आये हैं

सन्नाटा गलियों में छाया संगीनों के साये हैं

 

चप्पे-चप्पे पर दिखता है आतुर सैनिक का पहरा

धरती की रक्षा करने की शत-शत कसमे खाये हैं

 

कुछ तो अजगुत कहता है यह सघन सुरक्षा का घेरा

क्या फिर से तारामंडल में घन संकट के छाये हैं

 

पोथी लेकर भोली बाला घूम रही वीराने में

अक्षर ने शब्दों से मिल कर गीत सुहाने गाये हैं  

 

खौल रहा है खून वतन…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 19, 2016 at 7:27pm — 4 Comments

आज भी रोती है वह नदी

रात के सन्नाटे में

कहते हैं

आज भी रोती है वह नदी

 

जिन्होंने भारत में

पूर्व से पश्चिम की ओर

ऊंचाइयों पर

पथरीले कगारों के बीच से

बहती उस एक मात्र पावन चिर-कुमारिका

नदी का आर्तनाद कभी सुना है

 

जिन्होंने की है कभी उसकी

दारुण परिक्रमा

जो विश्व में

केवल इसी एक नदी की होती है ,

हुयी है और आगे होगी भी

 

वे विश्वास से कहते है -

‘इस नदी में नहीं सुनायी देती

रात में…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 12, 2016 at 8:00pm — 11 Comments

Monthly Archives

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.लक्ष्मण सिंह मुसाफिर साहब,  अच्छी ग़ज़ल हुई, और बेहतर निखार सकते आप । लेकिन  आ.श्री…"
1 minute ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.मिथिलेश वामनकर साहब,  अतिशय आभार आपका, प्रोत्साहन हेतु !"
12 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"देर आयद दुरुस्त आयद,  आ.नीलेश नूर साहब,  मुशायर की रौनक  लौट आयी। बहुत अच्छी ग़ज़ल…"
18 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
" ,आ, नीलेशजी कुल मिलाकर बहुत बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई,  जनाब!"
23 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।  गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। भाई तिलकराज जी द्वार…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए आभार।…"
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तितलियों पर अपने खूब पकड़ा है। इस पर मेरा ध्यान नहीं गया। "
2 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी नमस्कार बहुत- बहुत शुक्रिया आपका आपने वक़्त निकाला विशेष बधाई के लिए भी…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जू भाई, बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने. शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल फरमाएं. सादर "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकार करें. सादर "
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service