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Rash Bihari Ravi's Blog – December 2010 Archive (8)

मैं कौन हूँ ,

मैं कौन हूँ?

ये सोच कर ,

विचार कर ,

परेशान हो गया ,

मेरी सोचने की क्षमता,

बेकार हो गई !



मैं कौन हूँ  ?

मन बोला मैं पंडित ,

मेरी बातो में दम हैं ,

इस धरती पर ,

सबसे बुद्धिशाली ,

मैं सबसे गुणी ,

मगर जो ,

हश्र रावण का हुआ ,

वो सोच मैं बेजार हो गया !



मैं कौन हूँ  ?

मगर मन भटकता रहा ,

अपने बल पे गरूर था ,

डरते हैं लोग सारे ,

अच्छो अच्छो को ,

पस्त कर डाला ,

मगर जो ,

हश्र…

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Added by Rash Bihari Ravi on December 27, 2010 at 3:30pm — 14 Comments

मेरी बारी कब आएगी ,

आया जब मैं उज्जवल बेला ,

हसी ख़ुशी का मस्त सवेरा ,

था सब अपना नही पराया ,

ये सब उन लोगो से पाया ,

सोचता हूँ मैं अक्सर यारा ,

मेरी बारी कब आएगी  !…

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Added by Rash Bihari Ravi on December 23, 2010 at 7:00pm — 3 Comments

सच कहू धन्य हुआ OBO इन्हें पाकर ,

कोई अभिनव कोई बागी कोई हैं प्रभाकर ,

सच कहू धन्य हुआ OBO इन्हें पाकर ,

सलिल जी की शायरी मस्त
भरी गीत हैं ,

आती हैं मस्ती मन में जोगेंद्र ब्लॉग पाकर ,

नविन राकेश राणा इसके तो सितारे हैं ,

नीलम जी, रंजना जी, अनीता जी आकर

दीपक शर्मा जी की बाते निराली हैं ,

बिजय , प्रीतम , और रत्नेश भाई अक्सर ,

गुरु भी धन्य हुए इन सब को संग पाकर ,

सतीश जी के गीत मन को भोराकर ,

लिखते अच्छे ब्लॉग…

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Added by Rash Bihari Ravi on December 22, 2010 at 7:30pm — 6 Comments

हैं तुझपे नाज आज जो तुने कर दिया ,

हैं तुझपे नाज आज जो तुने कर दिया ,
हार हुई मगर तुने दर्द किनारा कर दिया ,
जय हो तेरी जय हिंदुस्तान की हो ,
सतकबीर जय तेरी उस धार की हो ,

Added by Rash Bihari Ravi on December 20, 2010 at 5:43pm — No Comments

बड़े भोले हम भारत वासी ,

बड़े भोले हम भारत वासी ,

जादू तो हमपे चल जाता हैं ,

कोई लूटे लाखो काटे चाँदी ,

मेहरबानी हम कर जाते हैं ,

ये सब हुई अब पुरानी बाते ,

खुल रही हैं अब अपनी आँखे ,

अब चोरो को मार भगायेंगे ,

जो कम करेंगे आगे जायेंगे ,

वो भी अब ना बच पायेंगे ,

जो बने उनका रहम वाली ,

बड़े भोले हम भारत वासी ,

अब जो भी लूट मचाएगा ,

वो एक दिन पकड़ा जायेगा ,

उसकी कुशल नही अब यारो ,

कानून अपना चक्कर चलाएगा ,

जो कानून को धोखा दे जाये ,

तब गुरु…

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Added by Rash Bihari Ravi on December 11, 2010 at 11:30am — 2 Comments

आँखों में सपने सजाये हुए - सजाये हुए ,

आँखों में सपने सजाये हुए - सजाये हुए ,
आज द्वार पे तेरे हम आये हुए ,
दरस तू देदे एक झलक दिखा दे ,
मन की अर्ज यार पूरा तू कर दे ,
सच आँखों में सूरत बसाये हुए - बसाये हुए ,
आँखों में सपने सजाये हुए - सजाये हुए ,
तुमसे ही जीवन ये पार लगेगी ,
तेरे ही चाहत में जीवन कटेगी ,
तू तो साथी मेरे सुख दुःख के यारा ,
रखूँगा पलकों में छुपाये हुए - छुपाये हुए ,
आँखों में सपने सजाये हुए - सजाये हुए ,

Added by Rash Bihari Ravi on December 10, 2010 at 4:16pm — 1 Comment

तेरा रूप गोरी मनमोहक ,

तेरा रूप गोरी मनमोहक ,

मेरे मन को बहकाये ,



मैं दूर ना रहना चाहूँ ,

ये पास मुझे ले आये ,

तेरी बाते अच्छी लगती हैं ,

ये मन को चहकाये ,

तेरा रूप गोरी मनमोहक ,

मेरे मन को बहकाये ,

चलना चाहूँ साथ तेरे ,

रहे हाथो में तेरा हाथ मेरे ,

होती रहे दिलकश बाते ,

आँख यूं ही मुस्काये ,

तेरा रूप गोरी मनमोहक ,

मेरे मन को बहकाये ,

इस जहाँ में तेरे सिवा ,

कोई नहीं हैं मेरे लिए ,…

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Added by Rash Bihari Ravi on December 10, 2010 at 1:30pm — 2 Comments

गमो से हमारा रिश्ता यारों हैं पुराना ,

गमो से हमारा रिश्ता यारों हैं पुराना ,

इंसानियत किसे कहते ये नहीं जाना ,

हैं मुझे आप सब को इतना बताना ,

सुनिए ये किस्सा अजब इसका नाता हैं ,

आई थी एक झोका आंधी की यैसी यारो ,

रातों की नींद गई ,

दिन का भी चैन हमारा ,

गमो से हमारा रिश्ता यारों हैं पुराना ,

जिससे मैंने समझा अपना ,

रिश्ता न था कोई अपना ,

मन में बसा कर उसको ,

गले से लगा कर उसको ,

अपना बनाया उसको निकला बेगाना ,

गमो से हमारा रिश्ता यारों हैं पुराना ,

इंसानियत के नाम… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on December 9, 2010 at 1:54pm — 1 Comment

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