मन में मेरे जो आएगा लिख कर उसको रख दूंगा
चाह नहीं कुछ नाम कमाऊँ दिया ह्रदय में रख दूंगा !
घर में मेरे जो आएगा मान दिए खुश कर दूंगा
जीवन मेरे जो छाएगा प्यार किये जीवन दूंगा
उपवन मेरा जो सींचेगा खुशहाली छाया दूंगा
पथ में राही साथ चले मुस्कान भरे स्वागत दूंगा
मै एक तपस्वी कांटे बोकर प्राण भी लो ,
कभी नहीं कह पाऊँगा ..
मन में मेरे जो आएगा लिख कर उसको रख दूंगा ………..
सूरज के गर साथ चलेंगे गर्मी हम पाएंगे ही
अंगार अगर हम…
Added by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on December 25, 2012 at 10:30pm — 15 Comments
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