जाओ तुम और दूर चले जाओ...
जहां चाहो वहाँ चले जाओ
मगर जी लो न मन भर
एक बार मेरे साथ ....
मेरे ख्वाब... मेरे ख्वाब ... मेरे ख्वाब ....
धीरे से जाना ...
आहट भी न करना
नींद न टूटने पाये मेरी
काँच से नाजुक हैं ये ...
मेरे ख्वाब .... मेरे ख्वाब ... मेरे ख्वाब ....
कुछ तुम भी ले जाना
बहुत हसीन हैं ये
दुःख में हँसा देंगे ये
मुझसे भी प्यारे हैं ये ...
मेरे ख्वाब .... मेरे ख्वाब .... मेरे…
ContinueAdded by Amod Kumar Srivastava on December 21, 2013 at 8:25pm — 8 Comments
वो हँसना, वो रोना
वो दौड़ना, वो भागना
वो पतंगे, वो कंचे
जने कहाँ छूट गए...
अरे...... हम तो बहुत दूर आ गए...
वो खेला, वो मेला
वो संगी, वो साथी
वो गुल्ली, वो डंडा
वो चोर, वो सिपाही
जाने कहाँ छूट गए ....
अरे...... हम तो बहुत दूर आ गए...
वो खुशी, वो हंसी
वो खो-खो, वो कबड्डी
वो आईस-पाईस, वो ऊंच-नीच
जाने कहाँ छूट गए....
अरे...... हम तो बहुत दूर आ गए...
अम्मा की रोटी, उनकी…
ContinueAdded by Amod Kumar Srivastava on December 15, 2013 at 8:30pm — 4 Comments
बातें खत्म हो गई जिसका
जिक्र हम किया करते थे ...
वो गलियाँ कहीं
खो गईं जिनपे हम
चला करते थे ...
न शाम रही न धुआँ
किसी एक भी
चराग में...
वो चले गए जिन्हे
हम देखा करते थे...
हमको क्या हक़ है
अब, किसी को कुछ कहने का ,,,
रास्ता वो सब छूट गए
जिनपे हम मिला करते थे ...
अब हमको क्या मारेगी
क्या, ये दुनियाँ की विरनिया
वो अंदाज और था जीने का
जब रोज मरा करते थे…
ContinueAdded by Amod Kumar Srivastava on December 8, 2013 at 10:55am — 6 Comments
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