फ़ाइलातून मफ़ाईलुन फेलुन
पहले था अश्क़बार आज भी है
दिल मेरा सोगवार आज भी है
मैं नहीं हूँ किसी भी लायक़ पर
आपको एतिबार आज भी है
जो था पहले वही है रिश्ता-ए-दिल
प्यार वो बे-शुमार आज भी है
इश्क़ आँखें बिछाए बैठा है
आपका इन्तिज़ार आज भी है
लाख दुनियां ने तोड़ना चाहा
दिल से दिल का क़रार आज भी है
#संतोष
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
Added by santosh khirwadkar on December 23, 2017 at 6:04am — 12 Comments
ग़ज़ल
मफ़्ऊल फ़ाइलात मफ़ाईल फाइलुन
धोखे ने मुझको इश्क़ में क्या क्या सिखा दिया
गिरना सिखा दिया है,सँभलना सिखा दिया
रोती थीं ज़ार ज़ार ये,वादे ने आपके
आँखों को इन्तिज़ार भी करना सिखा दिया
सूरज की तेज़ धूप बड़ा काम कर गई
ख़्वाबों के दायरे से निकलना सिखा दिया
अपनों की ठोकरों ने गिराया था बारहा
ग़ैरों ने सीधी राह पे चलना सिखा दिया
"संतोष"दुश्मनों का करूँ शुक्र किस तरह
मुझको भी दोस्ती का सलीक़ा सिखा…
Added by santosh khirwadkar on December 14, 2017 at 8:30pm — 12 Comments
ग़ज़ल
मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन
भुलाने के लिए राज़ी तुझे ये दिल नहीं होता
तभी तो याद से तेरी कभी ग़ाफ़िल नहीं होता
महब्बत को अभी तक मैंने अपनी राज़ रक्खा है
तुम्हारा ज़िक्र यूँ मुझसे सरे महफ़िल नहीं होता
तुझे ही ढूँढता रहता मैं अपने आप में हर दम
सनम तू मेरे जीवन में अगर शामिल नहीं होता
दग़ा देना ही आदत बन गई हो जिसकी ऐ यारो
भरोसे के कभी वो आदमी क़ाबिल नहीं होता
हमेशा बीज बोता है जो…
ContinueAdded by santosh khirwadkar on December 8, 2017 at 9:30am — 11 Comments
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