हैं अनेकों धर्म भाषा, ...एक हिंदुस्तान है l
मातृभाषा हिन्द की, हिंदी हमारी जान है ll
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देश की संस्कृति रिवाजों पर हमें भी गर्व हो l
भारती की शान हिंदी, . विश्व में पहचान है ll
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नृत्य शंभू ने किया, डमरू बजा, ॐ नाद का l
देववाणी के सृजन से ..विश्व का कल्यान है ll
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पाणिनी ने दी व्यवस्था व्याकरण की विश्व को l
हम सनातन छंद रचते ...गीत लय मय गान है ll
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सूर तुलसी जायसी, ......भूषण कवि केशव हुए l
चंद मीरा पन्त दिनकर, काव्य मय…
Added by harivallabh sharma on September 2, 2014 at 4:00pm — 12 Comments
दूर देश ब्याही बहिन, बाबुल हुआ उदासl
भाई लेने चल दिया, सावन आया पासll
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बहना गहना डाल के, ले हाथों में थालl
भाई के घर आ गयी,तिलक मांडने भालll
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हाथों में मंहदी लगा, बहना है तैयार l
बाबुल के अँगना बही, सुखद नेह की धार ll
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भाई बहना मिल रहे, खुश माँ का संसार l
बाबुल के मन गिर रही, सावन की बौछार ll
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कच्चे धागे में बंधा, भ्रात भगनि का प्यार l
अनुपम सकल जहान में, राखी का त्यौहार…
ContinueAdded by harivallabh sharma on August 10, 2014 at 12:30pm — 14 Comments
*एक ग़ज़ल
बारिशों का दौर आया दिन सुहाने आ गए है.
जल भरे बादल धरा को गुदगुदाने आ गए हैं.
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झड़ चुकीं थीं पत्तियां सब दिख रहीं वीरान सी वो,
फूल फिर से डालियों पर...... मुस्कुराने आ गए है.
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मंदिरों ने प्रार्थना की मस्जिदों ने दी अजानें,
रहमतों को मेघ लेकर जल गिराने आ गए हैं.
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भीगते सारे महल…
Added by harivallabh sharma on July 30, 2014 at 11:00am — 22 Comments
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