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वीनस केसरी's Blog (47)

गुफ़्तगू पत्रिका का आनलाईन विमोचन व मुशायरा धूमधाम से सम्पन्न

इलाहाबाद। एक पुलिसकर्मी हमेशा डंडा ही नहीं चलाता बल्कि कलम उठाकर अपनी अभिव्यक्ति भी खूबसूरती से व्यक्त कर सकता है। इश्क सुल्तानपुरी ने इस को बेहतरीन ढंग से करके दिखाया है। इन्होंने अपनी काव्य सृजन की क्षमता से लोगों को अवगत करा दिया है। यह बात डीआईजी कार्मिक श्री लाल जी शुक्ल ने ‘गुफ्तगू’ के इश्क सुल्तानपुरी अंक के विमोचन के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि इश्क साहब की शायरी को लोगों तक लाने में गुफ्तगू पत्रिका ने महत्वपूर्ण भूमिका…

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Added by वीनस केसरी on March 3, 2012 at 9:30pm — 7 Comments

इलाहाबाद : काव्य गोष्ठी

इलाहाबाद : काव्य गोष्ठी

स्थान - चंद्रशेखर आजाद पार्क, इलाहाबाद

दिनांक - २६-११-११

समय - २ बजे से ५ बजे



राणा प्रताप काव्य पाठ करते हुए

 

 …

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Added by वीनस केसरी on November 26, 2011 at 11:37pm — 5 Comments

सिहर जाता हूँ, ऐसा बोलता है - ग़ज़ल : वीनस केशरी

एक नई ग़ज़ल पेश -ए- खिदमत है, मुलाहिजा फरमाए

 



सिहर जाता हूँ, ऐसा बोलता है
वो बस मीठा ही मीठा बोलता है



समय के सुर में बोलेगा वो इक दिन 

अभी तो उसका लहज़ा बोलता है



ये उसकी तिश्नगी * है या तिज़ारत…
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Added by वीनस केसरी on September 24, 2011 at 2:00am — 24 Comments

ग़ज़ल - हमें जो अर्थ प्रजातंत्र का बताए हैं - वीनस केशरी

हमें जो अर्थ प्रजातंत्र का बताए हैं
उन्हीं के पुत्र विरासत में मुल्क पाए हैं

वही नसीहतें देते मिले गरीबों को
जो मुल्क बेच के खाए - पिए अघाए हैं

भला- बुरा न समझते हम इतने हैं नादाँ
सही, सही है गलत को गलत बताए हैं

यही किया है हमेशा कि अपने दिल की सुनी
यही हुआ है हमेशा कि चोट खाए हैं

- वीनस केशरी

Added by वीनस केसरी on September 7, 2011 at 2:00am — 4 Comments

मंज़र खींचातानी का

मंज़र खींचातानी का

अनशन है बाबा जी का

 

राहुल बाबा गायब हैं

लगता सब फीका फीका

 

गायब है चालीस खरब

सवा अरब की कंट्री का

 

काला धन आये वापस

मुंह काला हो दोषी का

 

दस मारो और एक गिनो

नशा हिरन हो लोभी का

Added by वीनस केसरी on June 4, 2011 at 3:30pm — 2 Comments

एक गीत - जय कृष्ण राय 'तुषार'

पिछले दिनों जय कृष्ण राय 'तुषार' जी ने फोन पर एक गीत सुनाया, जिसे सुनकर मन प्रसन्न हो गया 

आज उनकी सहमती लेकर वह गीत यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ, आशा करता हूँ की, ओ.बी.ओ. परिवार को गीत पसंद आयेगा व कमेन्ट द्वारा आप तुषार जी को अपनी प्रतिक्रिया से अवगत करायेंगे -- आपका वीनस केसरी…

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Added by वीनस केसरी on April 20, 2011 at 3:00am — 7 Comments

बह्र पहचानिये- 3

ओ. बी. ओ. परिवार के सम्मानित सदस्यों को सहर्ष सूचित किया जाता है की इस ब्लॉग के जरिये बह्र को सीखने समझने का नव प्रयास किया जा रहा है|

इस ब्लॉग के अंतर्गत सप्ताह के प्रत्येक रविवार को प्रातः 08 बजे एक गीत के बोल अथवा गज़ल दी जायेगी, उपलब्ध हुआ तो वीडियो भी लगाया जायेगा, आपको उस गीत अथवा गज़ल की बह्र को पहचानना है और कमेन्ट करना है अगर हो सके तो और जानकारी भी देनी है, यदि…

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Added by वीनस केसरी on February 6, 2011 at 5:00pm — 7 Comments

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