इलाहाबाद। एक पुलिसकर्मी हमेशा डंडा ही नहीं चलाता बल्कि कलम उठाकर अपनी अभिव्यक्ति भी खूबसूरती से व्यक्त कर सकता है। इश्क सुल्तानपुरी ने इस को बेहतरीन ढंग से करके दिखाया है। इन्होंने अपनी काव्य सृजन की क्षमता से लोगों को अवगत करा दिया है। यह बात डीआईजी कार्मिक श्री लाल जी शुक्ल ने ‘गुफ्तगू’ के इश्क सुल्तानपुरी अंक के विमोचन के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि इश्क साहब की शायरी को लोगों तक लाने में गुफ्तगू पत्रिका ने महत्वपूर्ण भूमिका…
ContinueAdded by वीनस केसरी on March 3, 2012 at 9:30pm — 7 Comments
राणा प्रताप काव्य पाठ करते हुए
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ContinueAdded by वीनस केसरी on November 26, 2011 at 11:37pm — 5 Comments
Added by वीनस केसरी on September 24, 2011 at 2:00am — 24 Comments
हमें जो अर्थ प्रजातंत्र का बताए हैं
उन्हीं के पुत्र विरासत में मुल्क पाए हैं
वही नसीहतें देते मिले गरीबों को
जो मुल्क बेच के खाए - पिए अघाए हैं
भला- बुरा न समझते हम इतने हैं नादाँ
सही, सही है गलत को गलत बताए हैं
यही किया है हमेशा कि अपने दिल की सुनी
यही हुआ है हमेशा कि चोट खाए हैं
- वीनस केशरी
Added by वीनस केसरी on September 7, 2011 at 2:00am — 4 Comments
मंज़र खींचातानी का
अनशन है बाबा जी का
राहुल बाबा गायब हैं
लगता सब फीका फीका
गायब है चालीस खरब
सवा अरब की कंट्री का
काला धन आये वापस
मुंह काला हो दोषी का
दस मारो और एक गिनो
नशा हिरन हो लोभी का
Added by वीनस केसरी on June 4, 2011 at 3:30pm — 2 Comments
Added by वीनस केसरी on April 20, 2011 at 3:00am — 7 Comments
ओ. बी. ओ. परिवार के सम्मानित सदस्यों को सहर्ष सूचित किया जाता है की इस ब्लॉग के जरिये बह्र को सीखने समझने का नव प्रयास किया जा रहा है|
इस ब्लॉग के अंतर्गत सप्ताह के प्रत्येक रविवार को प्रातः 08 बजे एक गीत के बोल अथवा गज़ल दी जायेगी, उपलब्ध हुआ तो वीडियो भी लगाया जायेगा, आपको उस गीत अथवा गज़ल की बह्र को पहचानना है और कमेन्ट करना है अगर हो सके तो और जानकारी भी देनी है, यदि…
ContinueAdded by वीनस केसरी on February 6, 2011 at 5:00pm — 7 Comments
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