Added by Hariom Shrivastava on June 27, 2017 at 11:44pm — 10 Comments
Added by Hariom Shrivastava on June 5, 2017 at 12:07am — No Comments
Added by Hariom Shrivastava on May 2, 2017 at 4:30pm — 6 Comments
Added by Hariom Shrivastava on May 1, 2017 at 1:28pm — 8 Comments
1-
पीने में आनंद है, मिथ्या है संसार।
पीने से बढ़ता सदा, आपस में है प्यार।।
आपस में है प्यार,भेद सारे मिट जाते।
टकराते जब जाम,स्वर्ग का सुख तब पाते।।
मदिरा के बिन यार,मजा क्या है जीने में।
जीवन है दिन चार, हर्ज फिर क्या पीने में।।
2-
किसने पाई आजतक, मद्यपान से शांति।
पीने वाला पालता, मन में फिर क्यों भ्रांति।।
मन में फिर क्यों भ्रांति'शांति देगी ये हाला।
खोकर अपना होश,बने फिर क्यों मतवाला।।
हुआ नशे से मुक्त, विचारा मन में जिसने।…
Added by Hariom Shrivastava on April 18, 2017 at 6:00pm — 8 Comments
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