For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Aazi Tamaam's Blog – May 2021 Archive (3)

ग़ज़ल: सुख दुख जीवन के हैं साथी क्यों रोता है तू यार

22 22 22 22 22 22 22 1

कोई करता है उद्धार कोई करता अत्याचार  

इस रंगमंच दुनिया में है सबका अपना किरदार

सुख दुख जीवन के हैं साथी क्यों रोता है तू यार

मिट ही जायेंगे सारे दुख जब छूटेगा संसार

जी भर के जीले हर इक पल ज़िद करना है बेकार

तन्हाई में कितने मौसम गुजरे हैं कितनी बार

कोई तो मिल जाये दिल कस्ती वाला इस पार

बैठे हैं साहिल पर कब से लेकर खाली पतवार

ऐसे भी तो ना घूमा कर लेकर दुख का…

Continue

Added by Aazi Tamaam on May 28, 2021 at 9:00am — 2 Comments

ग़ज़ल: नेकियों का अता नहीं मिलता

2122 1212 22

नेकियों का अता नहीं मिलता

खुल्द से वास्ता नहीं मिलता

क्यों भला दिल दुखाने वालों को

दंड बाद ए ख़ता नहीं मिलता

तुझको मेरा पता नहीं मिलता

मुझको तेरा पता नहीं मिलता

ऐ ख़ुदा है भी तू या फ़िर कि नहीं

तुझसे क्यों राब्ता नहीं मिलता

कौन ऐसा है जो कि मुफ्लिस के

ज़िस्म को नोंचता नहीं मिलता

दिल की मंज़िल भी कोई मंजिल है

आज़ तक रास्ता नहीं…

Continue

Added by Aazi Tamaam on May 19, 2021 at 9:44am — No Comments

नग़मा: माँ की ममता

22 22 22 22 22 22 22

माँ की ममता सारी खुशियों से प्यारी होती है

माँ तो माँ है माँ सारे जग से न्यारी होती है

मैंने शीश झुकाया जब चरणों में माँ के जाना

माँ के ही चरणों में तो जन्नत सारी होती है

दुनिया भर की धन दौलत भी काम नहीं आती जब

माँ की एक दुआ तब हर दुख पे भारी होती है

माँ से ही हर चीज के माने माँ से ही जग सारा

माँ ख़ुद इक हस्ती ख़ुद इक ज़िम्मेदारी होती है

और बताऊँ क्या मैं तुमको आज़ी माँ की…

Continue

Added by Aazi Tamaam on May 9, 2021 at 3:29pm — 6 Comments

Monthly Archives

2024

2022

2021

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

अच्छा लगता है गम को तन्हाई मेंमिलना आकर तू हमको तन्हाई में।१।*दीप तले क्यों बैठ गया साथी आकर क्या…See More
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। यह रदीफ कई महीनो से दिमाग…"
10 hours ago
PHOOL SINGH posted a blog post

यथार्थवाद और जीवन

यथार्थवाद और जीवनवास्तविक होना स्वाभाविक और प्रशंसनीय है, परंतु जरूरत से अधिक वास्तविकता अक्सर…See More
17 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"शुक्रिया आदरणीय। कसावट हमेशा आवश्यक नहीं। अनावश्यक अथवा दोहराए गए शब्द या भाव या वाक्य या वाक्यांश…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन।सुंदर और समसामयिक लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। प्रदत्त विषय को एक दिलचस्प आयाम देते हुए इस उम्दा कथानक और रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदरणीय शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। शीर्षक लिखना भूल गया जिसके लिए…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"समय _____ "बिना हाथ पाँव धोये अन्दर मत आना। पानी साबुन सब रखा है बाहर और फिर नहा…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक स्वागत मुहतरम जनाब दयाराम मेठानी साहिब। विषयांतर्गत बढ़िया उम्दा और भावपूर्ण प्रेरक रचना।…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
" जय/पराजय कालेज के वार्षिकोत्सव के अवसर पर अनेक खेलकूद प्रतियोगिताओं एवं साहित्यिक…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service