For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Rash Bihari Ravi's Blog – October 2011 Archive (3)

गुरु दोहावली

मन पागल बौराय है, इसे कोउ समझाय,

बीत गया है जो समय, लौट कभी न आय  !   
.
जिसकी जो गति वो लिखा वही बने तक़दीर ,
होनी तो होके रहे, सहज हो या गंभीर  ,
.
दुःख से घबराओ नहीं, सुख का ये आधार,
दुःख से डर के भागना, बदलो ये व्यवहार,…
Continue

Added by Rash Bihari Ravi on October 22, 2011 at 2:00pm — 8 Comments

मरना चाहू मर ना पाउ ये क्या किया तू महंगाई ,

मरना चाहू मर ना पाउ ये क्या किया तू महंगाई ,

निर्लज हैं मनमोहन तुझे शर्म क्यों नहीं आई ,
बतीस के आधार बाना कर गरीबी ये मिटायेंगे ,
गरीबी से नाम कटेगा खाना फिर ना पाएंगे ,
हमको कहते बतीस में तुम अपना दिन बिताओ ,
क्या होगा अब बतीस अब कोई इन्हें समझाओ ,
लुट के घर ये भर लेते हैं देते महंगाई के दुहाई ,
मरना चाहू मर ना पाउ ये क्या किया तू महंगाई ,

Added by Rash Bihari Ravi on October 15, 2011 at 1:16pm — No Comments

क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन,

क्रेडिट कार्ड

 

सपना दिखता हैं ,

पावर दिलाता हैं ,

खर्चे में तो तो पंख लगता हैं ,

ना हो पैसा फिर कम हो जाता हैं ,

लगे की दोस्तों में इज्जत बढ़ता हैं,

बिल जब आता हैं ,

पागल बनाता हैं ,

क्यों ली क्रेडिट कार्ड ,

समझ ना आता हैं ,

भाई ये इज्जत लेकर ही जाता हैं ,

.

.

बैंक ऋण

 

पहली पहली बार ये ,

झट पट मिल जाता हैं ,

क्यों की अन्दर की बात ,

समझ में ना आता हैं…

Continue

Added by Rash Bihari Ravi on October 15, 2011 at 11:30am — 2 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service