(1222 1222 1222 1222 - हजज मुसम्मन सालिम)
न देखा है कभी उनको हुई पर प्रीत क्या कहने.
न जाना ही न पहचाना बने मनमीत क्या कहने.
कहें सब जाल दुनिया यह सभी सुर ताल आभासी,
लिखे ऋतु गीत उपवन के बजे संगीत क्या कहने.
- शून्य…
ContinueAdded by C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" on June 11, 2022 at 7:00pm — No Comments
Added by C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" on May 6, 2021 at 4:00pm — 4 Comments
Added by C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" on November 19, 2019 at 11:00pm — 4 Comments
ललालाला ललालाला ललालाला ललालाला
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न मंदिर में मिले ईश्वर, गुफाओं में न जाने से .
न भूखे पेट रहने से, न गंगा ही नहाने से .
उसे पाना अगर सच में, हृदय में झाँक कर देखो ,
मिले रैदास, मीरा - प्रेम की बगिया खिलाने से .
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कभी है धूप जीवन में, कभी मिलते यहाँ साए.
सहारे को नहीं ढूँढ़ो, मिले या फिर न मिल पाए.
गिराती शाख कैसे फल, धरा पर सीख लो…
Added by C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" on August 3, 2019 at 2:00pm — 2 Comments
Added by C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" on July 17, 2019 at 7:30pm — 3 Comments
Added by C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" on August 11, 2017 at 1:00am — 8 Comments
Added by C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" on August 1, 2017 at 1:00pm — 8 Comments
Added by C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" on September 23, 2016 at 11:30pm — 2 Comments
Added by C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" on September 24, 2014 at 9:00pm — 12 Comments
Added by C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" on March 13, 2014 at 11:30pm — 15 Comments
Added by C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" on February 2, 2014 at 11:00pm — 13 Comments
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