For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Sushil Sarna's Blog – October 2023 Archive (6)

जीवन ...... दोहे

जीवन ....दोहे 

झुर्री-झुर्री पर लिखा, जीवन का  संघर्ष ।

जरा अवस्था देखती, मुड़ कर बीते वर्ष ।।

क्या पाया क्या खो दिया, कब समझा इंसान ।

जले चिता के साथ ही, जीवन के  अरमान ।।

कब टलता है जीव का, जीवन से अवसान ।

जीव देखता रह गया, जब फिसला अभिमान ।।

देर हुई अब उम्र की, आयी अन्तिम शाम ।

साथ न आया काम कुछ ,बीती उम्र तमाम ।।

जीवन लगता चित्र सा, दूर खड़े सब साथ ।

संचित सब छूटा यहाँ, खाली दोनों  हाथ…

Continue

Added by Sushil Sarna on October 17, 2023 at 9:30pm — 6 Comments

लेबल्ड मच्छर. . . . ( लघु कथा )

लेबल्ड मच्छर ......(लघु कथा ) 

"रामदयाल जी ! हमें तो पता ही नही था कि हमारे मोहल्ले से मच्छर गायब हो गए हैं सिर्फ पार्षद के घर के अलावा ।" दीनानाथ जी ने चाय की चुस्की लेते हुए कहा ।

"वो कैसे ।" रामदयाल जी बोले ।

"वो क्या है रामदयाल जी । आज सवेरे में छत पर पौधों को पानी दे रहा था कि अचानक मुझे नीचे कोई मशीन चलने की आवाज सुनाई दी । नीचे देखा तो देख कर दंग रह गया ।"

"क्यों? क्या देखा दीनानाथ जी । पहेलियाँ मत बुझाओ ।साफ साफ बताओ यार ।" रामदयाल जी बोले…

Continue

Added by Sushil Sarna on October 15, 2023 at 8:05pm — No Comments

दोहा पंचक. . . . .

दोहा पंचक. . . . .

तर्पण को रहता सदा, तत्पर सारा वंश ।

दिये बुजुर्गो को कभी, कब मिटते हैं दंश ।।

तर्पण देने के लिए, उत्सुक है परिवार ।

बंटवारे के आज तक, बुझे नहीं अंगार ।।

लगा पुत्र के कक्ष में, मृतक  पिता का चित्र ।

दम्भी सिर को झुका रहा, उसके  आगे मित्र ।।

देह कभी संसार में, अमर न होती मित्र ।

महकें उसके कर्म ज्योँ , महके पावन इत्र ।।

तर्पण अर्पण कीजिए, सच्चे मन से यार ।

चला गया वो आपका,…

Continue

Added by Sushil Sarna on October 9, 2023 at 1:30pm — No Comments

ईमानदारी. . . . . (लघु कथा )

ईमानदारी ....

"अरे भोलू ! क्या हुआ तेरे पापा 4-5 दिन से दूध देने नहीं आ रहे ।"सविता ने भोलू के बेटे को  दूध का भगोना देते हुए पूछा ।

"वो बीवी जी, पापा की साइकिल  कुछ खराब हो गई इसलिए मैं दूध देने आ गया ।" भोलू के बेटे ने भगोने में दूध डालते हुए कहा ।

"अच्छा ,  अच्छा यह बता जब से तुम दूध दे रहे हो दूध  इतना पतला क्यों है ? पापा तो  दूध गाढ़ा लाते थे ।"

सविता ने कहा ।

"बीवी जी, यह साइकिल नहीं फटफटिया है ।  अगर दूध गाढ़ा बेचेंगे तो फटफटिया कैसे चलायेंगे…

Continue

Added by Sushil Sarna on October 8, 2023 at 1:30pm — 2 Comments

भिखारी छंद

भिखारी छंद -

24 मात्रिक - 12 पर यति - पदांत-गा ला

मन से मन की बातें, मन  करता  मतवाला ।

मन में हरदम जलती , इच्छाओं की ज्वाला ।

भोगी  मन  तो  चाहे , बाला  की  मधुशाला ।

पी  कर मन  ये  नाचे , नैन   नशीली   हाला ।

                  ××××××

उल्फ़त  की सौगातें,  आँखों  की  बरसातें ।

तन्हा  -  तन्हा  बीती , भीगी - भीगी   रातें ।

जाकर फिर कब आते , बीते दिन मतवाले ।

दिल को बहुत सताते , खाली-खाली प्याले ।

सुशील सरना /5-10-23…

Continue

Added by Sushil Sarna on October 5, 2023 at 2:38pm — No Comments

मनका छंद

मनका / वर्णिका छंद - तीन चरण, पाँच-पाँच वर्ण प्रत्येक चरण,दो चरण या तीनों चरण समतुकांत

मस्त जवानी
   फिर न आनी
       हसीं कहानी !
*
आई बहार
   अलि गुँजार
        पुष्प शृंगार !
*
झड़ते पात
   अन्तिम रात
        एक यथार्थ !
*
मुक्त विहार
   काम विकार
         देह व्यापार!
*
घोर  अँधेरा
    छुपा सवेरा
         स्वप्न का डेरा !

सुशील सरना 3-10-23
मौलिक एवं अप्रकाशित

Added by Sushil Sarna on October 3, 2023 at 1:24pm — 2 Comments

Monthly Archives

2024

2023

2022

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के।लिए सादर"
11 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए सादर"
12 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
14 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, आपका टिप्पणी व सुझाव के लिए हार्दिक आभार। एक निवेदन है कि — काम की कोई मानता…"
44 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Dayaram Methani जी आदाब  ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है।  ग़ज़ल 2122 1212 22 .. इश्क क्या…"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम चंद गुप्ता जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई आदरणीय।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई आदरणीय।"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service