For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

छाई रंगों की मधुर फुहार

रंगीली आई होली

सखी री आई होली

 

अंग सजन के रंग लगाऊँ

मन ही मन में खूब लजाऊँ

फगुनिया चलती बयार

सखी री आई होली

 

नेह में डूबी पवन बावरी

मन मंदिर में पी छवि सांवरी

नथुनिया की होठों से रार

सखी री आई होली

 

शाम सिंदूरी अति हर्षाये

अखियों से मदिरा छलकाए

चंदनियाँ करे मनुहार

सखी री आई होली

 

चम्पा चमेली गजरे में महके

दर्पण देख के मनवा लहके

बिंदिया चमके लिलार

सखी री आई होरी

 

मुख में दबाये पान का बीडा  

हर लेते वो  मेरी मन पीड़ा 

सखि बहियों के डालूँ हार

रंगीली आई होली 

मौलिक व अप्रकाशित 

कल्पना मिश्रा बाजपेई 

Views: 895

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by kalpna mishra bajpai on March 2, 2015 at 11:53am

  आ० डिम्पल गौर 'अनन्या' जी / आ०  मिथिलेश वामनकर जी /आ० somesh kumar जी /आ० गिरिराज भंडारी जी /

आ० लक्ष्मण रामानुज लडीवाला जी /आ० Dr.Prachi Singh जी /आ० khursheed khairadi जी आप सभी माननीय वरिष्ठ जनों का 

हार्दिक आभार /सादर 

Comment by khursheed khairadi on March 1, 2015 at 8:22pm

चम्पा चमेली गजरे में महके

दर्पण देख के मनवा लहके

बिंदिया चमके लिलार

सखी री आई होरी

 आदरणीया कल्पना जी लोकगीतों की सी महक लिए ,बहुत ही मधुर गीत है ......बहुत सुन्दर राग है ...सखी री आयी होली ..इस टेर पर मन झूम उठा है |सादर अभिनन्दन |


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on March 1, 2015 at 7:42pm

आंचलिक शैली में बहुत सुन्दर मनभावन होली गीत प्रस्तुत किया है प्रिय कल्पना मिश्रा बाजपेयी जी... बहुत सुन्दर शब्द चित्र उकेरा है होली का 

बहुत बहुत बधाई 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 1, 2015 at 7:09pm

होली के सरस रंग ह्रदय में लिए रचित सुंदर  रचना  के  लिए  बधाई  आदरणीया कल्पना मिश्रा जी  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 1, 2015 at 4:44pm

आदरणीय कल्पना जी , सुन्दर होली गीत के लिये बधाई आपको ॥

Comment by somesh kumar on March 1, 2015 at 11:41am

आंचलिक शब्दों की भरमार

और होली का त्योहार 

रंग-बिरंगी कविता पर 

बधाई करें स्वीकार |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on March 1, 2015 at 7:31am
आदरणीया कल्पना जी सुन्दर प्रस्तुति । विविध रंगों को बिखेरती इस रचना पर हार्दिक बधाई निवेदित है।
Comment by डिम्पल गौड़ on February 28, 2015 at 11:28pm

बहुत ही सुन्दर... आपकी रचना ने तो होली के सभी रंग बिखरा दिए हैं...बधाई आपको आदरणीया कल्पना मिश्रा जी |

Comment by kalpna mishra bajpai on February 28, 2015 at 10:55am

आ० krishna mishra 'jaan'gorakhpuri जी आभार /सादर 

Comment by kalpna mishra bajpai on February 28, 2015 at 10:54am

आ० Hari Prakash Dubey सर आपका आभार /सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
17 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service