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प्यार के दो बोल कह दे शायरी हो जाएगी - गजल (लक्ष्मण धामी ‘मुसाफिर’)

2122    2122    2122    212

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प्यार को साधो अगर तो जिंदगी हो जाएगी
गर  रखो  बैशाखियों सा बेबसी हो जाएगी /1
***
बात कड़वी प्यार से कह दोस्ती हो जाएगी
तल्ख  लहजे से कहेगा दुश्मनी हो जाएगी /2
***
फिर घटा छाने लगी है दूर नभ में इसलिए
सूखती हर डाल यारो फिर हरी हो जाएगी /3
***
मौत तय है तो न डर, लड़, हर मुसीबत से मनुज
भागना  तो  इक  तरह  से  खुदकुशी हो जाएगी /4
***
मन  मिले  तो पास  में सब, हैं दरारें  कुछ अगर
दो  कदम  की  दूरियाँ  भी  इक  सदी  हो जाएगी  /5
***
कौन कहता है ‘मुसाफिर‘ तू सजाकर बात कह
प्यार  के  दो  बोल  कह  दे  शायरी हो जाएगी /6

***
 ( रचना 28 फरवरी 2014 )

मौलिक और अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी ‘मुसाफिर’


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Comment

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Comment by गिरिराज भंडारी on September 21, 2014 at 8:33pm

मौत तय है तो न डर, लड़, हर मुसीबत से मनुज
भागना  तो  इक  तरह  से  खुदकुशी हो जाएगी  --- लाजवाब ! आदरणीय लक्ष्मण भाई , बधाइयाँ |

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 21, 2014 at 1:13pm

मन  मिले  तो पास  में सब, हैं दरारें  कुछ अगर
दो  कदम  की  दूरियाँ  भी  इक  सदी  हो जाएगी......बहुत सुंदर, दिली बधाई आपको आदरणीय लक्ष्मण जी

Comment by gumnaam pithoragarhi on September 21, 2014 at 1:05pm

वाह ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, बहुत खूबसूरत ......................बहुत खूब,,,,,,,,बधाई

Comment by Santlal Karun on September 20, 2014 at 11:12pm

आदरणीय धामी जी,

"बात कड़वी प्यार से कह दोस्ती हो जाएगी
तल्ख  लहजे से कहेगा दुश्मनी हो जाएगी"

सुन्दर ग़ज़ल के लिए हार्दिक साधुवाद एवं सद्भावनाएँ !

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 20, 2014 at 7:00pm

धामी जी

अति सुन्दर i

फिर घटा छाने लगी है दूर नभ में इसलिए
सूखती हर डाल यारो फिर हरी हो जाएगी

Comment by Dr. Vijai Shanker on September 20, 2014 at 2:48pm
" कौन कहता है ‘मुसाफिर‘ तू सजाकर बात कह
प्यार के दो बोल कह दे शायरी हो जाएगी ॥ "
बहुत खूब आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ,बधाई
Comment by Neeraj Nishchal on September 20, 2014 at 1:28pm
वाह वाह बहुत बहुत बहुत खूबसूरत ।

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