For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नैन कटीले …

नैन कटीले होठ रसीले
बाला ज्यों मधुशाला
कुंतल करें किलोल कपोल पर
लज्जित प्याले की हाला
अवगुंठन में गौर वर्ण से
तृषा चैन न पाये
चंचल पायल की रुनझुन से मन
भ्रमर हुआ मतवाला
प्रणय स्वरों की मौन अभिव्यक्ति
एकांत में करे उजाला
मधु पलों में नैन समर्पण
करें प्रेम श्रृंगार निराला

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 710

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on November 8, 2014 at 7:13pm

आदरणीया  rajesh kumari   जी रचना पर आपकी स्नेहिल प्रशंसा का हार्दिक आभार। 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 8, 2014 at 6:44pm

शृंगार रस में पगी रचना ..वाह ..बधाई आपको 

Comment by Sushil Sarna on November 8, 2014 at 1:31pm

आदरणीय  जितेन्द्र पस्टारिया   जी रचना के  पर आपकी स्नेहिल स्वीकृति ने रचना को जो मान बढ़ाया है उसके लिए आपका हार्दिक आभार।  

Comment by Sushil Sarna on November 8, 2014 at 1:30pm

आदरणीय arun kumar nigam     जी रचना के  पर आपकी स्नेहिल स्वीकृति ने रचना को जो मान बढ़ाया है उसके लिए आपका हार्दिक आभार।  

Comment by Sushil Sarna on November 8, 2014 at 1:29pm
आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी रचना के भावों पर आपकी स्नेहिल स्वीकृति ने रचना को जो मान बढ़ाया है उसके लिए आपका हार्दिक आभार। आदरणीय सौरभ जी द्वारा की गयी टिप्पणी पर आपका वक्तव्य सहज स्वीकार्य है। उनके मार्गदर्शन का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। उनकी हर टिप्पणी रचनाकार को उजाले की ओर ले जाती है। ये मेरा सौभाग्य है कि आदरणीय सौरभ जी ने अपने व्यस्त समय से समय निकाल रचना पर अपनी उपस्थिति से उसे गौरान्वित किया। हार्दिक आभार।
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 8, 2014 at 9:25am

बहुत सुंदर रचना, बधाई आदरणीय शुशील जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on November 7, 2014 at 11:00pm
आदरणीय सुशील सरना जी, सुन्दर रचना के लिये बधाई ...

मधु पलों में नैन समर्पण
करें प्रेम श्रृंगार निराला.......वाह !!!!
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 7, 2014 at 7:24pm

सुन्दर है सरना जी

भाव पूर्ण , मधुर  i  सौरभ जी हमेशा परफेक्शन चाहते है  i इसीलिये  वे प्रायः कटु आलोचक नजर आते है i पर वे जो कहते है वह हम लेखको का मार्गदर्शन करता है  i इस सत्य में संदेह नहीं है i सादर i

Comment by Sushil Sarna on November 7, 2014 at 6:50pm
आदरणीय सौरभ जी रचना पर आपकी आत्मीय सकारात्मक प्रतिक्रिया एवं सुझाव हेतु हार्दिक आभार।
Comment by Sushil Sarna on November 7, 2014 at 6:48pm
आदरणीय योगराज प्रभाकर जी रचना पर आपकी आत्मीय दृष्टि का हार्दिक आभार।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service