मनुज रूप मैं पा गया,
हुआ स्वप्न साकार
कोमल किरणे भोर की,
बिखराती जब नेह है,
दिखती उल्लासित धरा
आन्दंदित हर देह है.
सचमुच एक सराय सा
लगा मुझे संसार
प्यार भरे व्यवहार से
मिलती देखी जीत है,
बना एक अनजान जब,
मेरे मन का मीत है
सच्ची निष्ठा ने किया,
हरदम बेडा पार
लोभ मोह माया कपट,
सारे लगते काल हैं,
सत्य यहाँ है मौत ही,
बाकी सब जंजाल हैं.
परम पिता का शुक्रिया
और नमन हरबार.
मौलिक/अप्रकाशित.
Comment
अभ्यास के तौर पर अच्छा रचनाकर्म हुआ है आदरणीय अशोकजी.
वैसे कई जगह विशेष तौर पर ध्यान देने की आवश्यकता है लेकिन चूँकि आपने पहली बार इस तरह की विधा पर काम किया है उस हिसाब से आपका प्रयास श्लाघनीय है. हार्दिक शुभकामनाएँ
क्या बात है , ये विधा तो बहुत अच्छी लगी , आदरणीय , दोहा गीत , लाजवाब ॥ आपको हार्दिक बधाइयाँ ।
दोहा-गीत अद्भुत प्रयास ' की आवश्यकता कहाँ है और इस 'है' से दोहे भी मात्रा से भटक गये . सारा गीत दोहे में ढल सकता था आदरणीय तथापि नए प्रयोग हेतु आपको बधायी .
बधाई मित्र - सुन्दर रचना के लिए
आदरणीय सुशील सरना जी सादर, दोहा गीत पर मेरा प्रथम ही प्रयास है. आपको यह अच्छा लगा मैं आश्वस्त हुआ. बहुत-बहुत आभार. सादर.
आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सादर, आपको मेरा यह प्रयास अच्छा लगा, मुझे संतोष मिला. हार्दिक आभार. सादर.
लोभ मोह माया कपट,
सारे लगते काल हैं,
सत्य यहाँ है मौत ही,
बाकी सब जंजाल हैं.
परम पिता का शुक्रिया
और नमन हरबार.
.... .... वाह आदरणीय बहुत ही सुंदर,सार्थक दोहा गीत बन पड़ा है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय।
आदरणीय राहुल दांगी जी आपको दोहा गीत पर मेरा प्रयास पसंद आया मुझे संबल मिला. सादर आभार.
आदरेया राजेश कुमारी जी सादर, बिलकुल सहमत हूँ मैं. मुझे मंच ने जो दो उदाहरण उपलब्ध कराये हैं, उनके एक गीत में कुछ इसीतरह से रचना की गई है और एक जिस तरह आप कह रहीं हैं. जिसमे अंतरा लगभग एक दोहा ही हो जाता है. मैंने एक गीत उस तरह भी रचा है. शीघ्र ही वह भी प्रस्तुत करूँगा. गीत पसंद करने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार. सादर.
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online