For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

“ये देखो विज्ञान आज कितनी तरक्की कर रहा है कितनी अद्दभुत मशीन बना डाली, पुरुष भी महसूस करके देख सकते हैं अब प्रसव वेदना को|" टाइम्स ऑफ़ इण्डिया में हेडिंग Chinese men get a taste of labor pain with a machine को पढ़ते हुए प्रोफ़ेसर बक्शी अपनी पत्नी से अचानक बोल उठे

”पापा क्या कभी कोई ऐसी मशीन भी बन पाएगी जो रेप के दर्द को भी पुरुष महसूस कर सकें” थोड़ी दूरी पर बैठी बेटी के अचानक इस प्रश्न ने पापा को अन्दर तक झिंझोड़ कर रख दिया बेटी के सिर पर हाथ फिराते हुए अपनी आँखों में आये  आँसुओं को छुपाने के लिए अन्दर चले गए|   

(मौलिक एवं अप्रकाशित)  

Views: 739

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 27, 2015 at 9:11pm

बहुत- बहुत शुक्रिया शिज्जू भैया. 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on July 27, 2015 at 8:46pm

आदरणीया राजेश दीदी मर्मस्पर्शी लघुकथा है बधाई आपको


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 27, 2015 at 7:28pm

आ० डॉ० विजय शंकर जी,लघु कथा के मर्म को महसूस कर  अपने विचार रखने के लिए शुक्रिया .  

Comment by Dr. Vijai Shanker on July 27, 2015 at 7:24pm
एहसास तो वह है जिसे आँखें देख लें तो महसूस करें, कान सुन लें तो महसूस करें, ये मशीने हैं न , अब मशीने काम ही न करें तो बात दीगर……
बधाई आपको आदरणीय सुश्री राजेश कुमारी जी, इस भाव पूर्ण लघु-कथा पर , सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 27, 2015 at 6:46pm

बहुत बहुत आभार मिथिलेश भैया ,लघु कथा पर उपस्थिति और  मर्म को महसूस कर दी गई प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on July 27, 2015 at 4:48pm

मार्मिक लघुकथा जो इतना झिंझोड़ गई कि झटके से उबरना मुश्किल. सफल. उस यातना की सघनता को शाब्दिक करने में पूर्णतः सफल लघुकथा जिसे केवल महसूस किया जा सकता है. ये बातों बातों में  कमाल हुआ है दीदी.... 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। रोटी पर अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
10 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आदाब।‌ हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' साहिब। आपकी उपस्थिति और…"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं , हार्दिक बधाई।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया छंद
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रेरणादायी छंद हुआ है। हार्दिक बधाई।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आ. भाई शेख सहजाद जी, सादर अभिवादन।सुंदर और प्रेरणादायक कथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
14 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
yesterday
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Thursday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service