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ग़ज़ल -और हम भी प्यार की जागीर को समझे नहीं - ( गिरिराज )

2122    2122   2122   212

कट गये सर वो मगर शमशीर को समझे नहीं

घर जला, पर आग की तासीर को समझे नहीं

 

ख़्वाब ए आज़ादी कभी ताबीर तक पहुँचे भी क्यूँ 

सबको समझे वो मगर जंजीर को समझे नहीं

 

वो मुसव्विर पर सभी तुहमत लगाने लग गये  

जो उभरते मुल्क़ की तस्वीर को समझे नहीं

 

मजहबों में बाँट, वो नफरत दिलों में बो गये   

और हम भी उनकी इस तदबीर को समझे नहीं

 

उनका दावा है, वो चार: दर्द का करते रहे

हमको शिकवा है हमारी पीर को समझे नहीं

 

उनसे आँचल खींचने का कोई शिकवा क्या करे

कृष्ण की उँगली बंधी जो चीर को समझे नहीं

 

जब भी पहुँचे उस तरफ तो फूल से वो हो गये   

क्यूँ चलाते हो उसे, जिस तीर को समझे नहीं

 

कौन जाना है ख़ुदा को ? सारे दावे हैं गलत

है हक़ीक़त, हम अभी दिलगीर को समझे नहीं

********************************************
मौलिक एवँ अप्रकाशित

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Comment

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Comment by TEJ VEER SINGH on April 6, 2017 at 4:15pm

बेहतरीन गज़ल आदरणीय गिरिराज भंडारी जी।हार्दिक बधाई।

Comment by Samar kabeer on April 6, 2017 at 3:50pm
जनाब गिरिराज भंडारी जी आदाब,बहुत उम्दा ग़ज़ल हुई है,शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।

'मज़हबों में बाँट वो नफरत दिलों में बो गये
और हम भी प्यार की जागीर को समझे नहीं'
इस शैर में ऊला से सानी का रब्त समझ नहीं आया,'यहाँ सानी मिसरे में 'जागीर'क़ाफ़िया मुनासिब नहीं लगता,सानी यूँ होता तो ऊला से रब्त हो जाता:-

'और हम भी उनकी इस तदबीर को समझे नहीं'
ग़ौर कीजियेगा ।
'उनका दावा है वो चारा दर्द का करते रहे'
इस मिसरे में 'चारा'शब्द पर कुछ कहना चाहता हूँ,एक 'चारा'शब्द हिन्दी भाषा का है, जिसका अर्थ है,जानवरों के खाने की सब्ज़ ख़ूराक, या मछली पकड़ने के लिए कांटे में लगाने वाली चीज़ ।
एक शब्द है "चारह्"जो फ़ारसी भाषा का है, और उसका अर्थ है,'इलाज'ग़ालिबन आपने इस मिसरे में फ़ारसी भाषा का ही शब्द लिया है,और ये शब्द लिखने में 'चारह'लिखना पड़ेगा मगर इसका स्वर 'चारा'यानी 'आ'का होगा,इस संशय को दूर करना आवश्यक है,तो कृपया 'चारा' शब्द को "चारह"लिख दें ।

'जब भी पहुंचे उस तरफ़ तो फूल से वो गये'
ये मिसरा बह्र से ख़ारिज हो रहा है,देखिये शायद टंकण त्रुटि हो ?
Comment by Mohammed Arif on April 6, 2017 at 2:04pm
आदरणीय गिरिराज जी आदाब, बहुत बढ़िया ग़ज़ल ।शे'र दर शे'र दाद के साथ मुबारक़बाद क़ुबूल करें ।

कृपया ध्यान दे...

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