For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पर्यावरण-दिवस के अवसर पर छ: दोहे // --सौरभ

आपाधापी, व्यस्तता, लस्त-पस्त दिन-रात
छोड़ इन्हें, आ चल सुनें, कली-फूल की बात ।

मन मारे चुप आज मैं.. सोचूँ अपना कौन..
बालकनी के फूल खिल, ढाँढस देते मौन !!

सांत्वना वाले हुए.. हाथ जभी से दूर ..
लगीं बोलने डालियाँ, 'मत होना मज़बूर' !!

जाने आये कौन कब, मन की थामे डोर
तुलसी मइया पोंछना, नम आँखों की कोर

फिर आया सूरज लिये, नई भोर का रूप
उठ ले अब अँगड़ाइयाँ, निकल काम पर धूप ! 

 

मन-जंगल उद्भ्रांत है, इसे चाहिए त्राण ।
पस्त हुआ पर्यावरण, त्रस्त धरा का प्राण ।।
***

सौरभ

(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 835

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 11, 2021 at 11:40pm

आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपका स्वागत है. 

उत्साहवर्द्धन के लिए धन्यवाद. 

 

 

सांत्वना को हमने २१ १२ के तौर पर बाँधा है. और, यही विशिष्टता है जिसकी ओर हमने अपने इसी पोस्ट की एक टिप्पणी में इंगित भी किया है. मात्रिकता की सामान्य नियमावलियों के आधार पर इसे २१२  यानी रगणात्मक ही लिया जाता रहा है. लेकिन बहुत कुछ विचार करने के बाद, ओबीओ से मिले दशक से अधिक तथ्यपरक अनुभव के बाद ऐसा कुछ कह पा रहा हूँ. वैसे मात्रिकता की नियमावली से कोई दुराव नहीं है. न ही कोई भेद है. परन्तु, ऐसी समझ के पूर्व मनन-मंथन से अवश्य गुजरा हूँ . 

अलबत्ता, उद्भ्रान्त शब्द २२१ ही होगा. 

 

 

//मंगल/  पर। इस शब्द में 2-2 है। ज़रूरत पड़ने पर क्या इसे /मँगल/ 1-2 लिख सकते हैं?// 

 

जी नहीं. 

यहाँ अनुस्वार और चंद्रबिन्दु की मात्राओं का अन्तर है. और फिर दोनों की मात्राएँ भी अलग-अलग होती हैं. 

 

रंग और रँग को यदि आप एक जैसा समझ रहे हों तो यह भ्रामक है. ये दोनों शब्द एक नहीं हैं.

रंग संज्ञा है जबकि रँग क्रिया का निरुपक है. अब यह अलग बात है कि सोशल-मीडिया पर कई अनगढ़ बातों को प्रश्रय मिल जाता है. 

यह भी जानें, कि रंग का विशेषण रँगीला, नोक का नुकीला, आदि अलग चर्चा के विषय हैं. जिसके अनुसार शब्द के पहला गुरु वर्ण शब्द का विशेषण रूप प्राप्त करते ही लघु वर्ण का हो जाता है. अर्थात, रंग का विशेषण रँगीला के स्थान पर कोई रंगीला लिखता है तो वह अशुद्ध होगा. 

सधन्यवाद

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on June 11, 2021 at 9:30am

आदाब। विशिष्ट संचेतना दिवस पर बहुत सुंदर दोहावली। हार्दिक बधाई आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी। /सांत्वना/ में मैं मात्राएँ 2-1-2 समझ पा रहा हूँ और /उदभ्रांत/ 2-2-1। क्या सही समझ सका?

एक अन्य इतर जिज्ञासा है  ग्रह /मंगल/  पर। इस शब्द में 2-2 है। ज़रूरत पड़ने पर क्या इसे /मँगल/ 1-2 लिख सकते हैं?


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 10, 2021 at 10:32am

आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपका हार्दिक धन्यवाद. 

जहाँ तक उद्भ्रांत शब्द की मात्रिकता का प्रश्न है, आपने यदि ’सांत्वना’ शब्द पर प्रश्न किया होता, तो ओबीओ पर अबतक होती आयी चर्चा के सापेक्ष वह प्रश्न अधिक प्रासंगिक होता.

उद्भ्रांत शब्द के साथ कोई दिक्कत नहीं है. उक्त चरण की कुल मात्राएँ तेरह ही हैं. 

सादर

 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 10, 2021 at 10:25am

आदरणीय समर जी, मोबाइल से टाइप करने से ऐसा हो जाता है. आपने उचित ही कहा है. पोस्ट करने के क्रम में इस शब्द की अक्षरी पर ध्यान भी नहीं गया. यह मेरी दृष्टि में आया भी नहीं.

सचेत करने के लिए धन्यवाद.

Comment by Chetan Prakash on June 6, 2021 at 2:53pm

नमन, सौरभ पाण्डेय जी, पर्यावरण पर सुन्दर दोहे रचे आपने किन्तु अन्तिम दोहे का प्रथम चरण, "मन जंगल उदभ्रांत है, आदरणीय मुझे मात्राएं चौदह जान पड़ी! कृपया पुनः देखें ! 

Comment by Samar kabeer on June 6, 2021 at 12:18pm

जनाब सौरभ पाण्डेय जी आदाब, पर्यावरण दिवस पर बहुत उम्द: दोहे लिखे आपने, बधाई स्वीकार करें ।

'लगीं बोलने डालियाँ, 'मत होना मज़बूर'

इस पंक्ति में 'मज़बूर' को "मजबूर" कर लें ।

आपने अपनी पिछली कई रचनाओं पर टिप्पणियों के जवाब नहीं दिये हैं,देख लें भाई ।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 6, 2021 at 12:45am

आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपका उत्साहवर्द्धन प्रेरक है. 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 6, 2021 at 12:44am

आदरणीय रविशुक्ल भाईजी, आपकी सदाशयता का हार्दिक धन्यवाद.. 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 5, 2021 at 10:29pm

आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। पर्यावरण दिवस पर उत्तम दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।

Comment by Ravi Shukla on June 5, 2021 at 9:19pm

आदरणीय सौरभ भाईजी  पर्यावरण दिवस पर सुंदर दोहे रचे आपने प्रासंगिक एवं उत्तम भाव के दोाहों के लिये हार्दिक बधाई स्वीकार करें 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
2 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति से प्रसन्नता हुई। हार्दिक आभार। विस्तार से दोष…"
Friday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"भाई, सुन्दर दोहे रचे आपने ! हाँ, किन्तु कहीं- कहीं व्याकरण की अशुद्धियाँ भी हैं, जैसे: ( 1 ) पहला…"
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Mar 2
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Mar 2
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Mar 1
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Feb 28
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Feb 28

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service