For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हमें लगता है हर मन में अगन जलने लगी है अब

१२२२/१२२२/१२२२/१२२२


बजेगा भोर का इक दिन गजर आहिस्ता आहिस्ता 
सियासत ये भी बदलेगी मगर आहिस्ता आहिस्ता/१
*
सघन  बादल  शिखर  ऊँचे  इन्हें  घेरे  हुए  हैं पर
उगेगी घाटियों  में  भी  सहर आहिस्ता आहिस्ता/२
*
हमें लगता है हर मन में अगन जलने लगी है अब
तपिस आने लगी है जो इधर आहिस्ता आहिस्ता/३
*
हमीं  कम  हौसले  वाले  पड़े  हैं  घाटियों  में  यूँ
चढ़े दिव्यांग वाले भी शिखर आहिस्ता आहिस्ता/४
*
अभी दुत्कारते  हो  पर  समझ तब मोल पाओगे
किनारा जब करेगा ये सिफर आहिस्ता आहिस्ता/५
*
न दुहरा बोझ करके हो पड़ी जो बोरियाँ दुख की 
उन्हें मूसक के जैसा तू कतर आहिस्ता आहिस्ता/६
*
न अब वो लौटने  वाला  बहा  मत  आँख से आँसू 
किया मजबूत हमने भी जिगर आहिस्ता आहिस्ता/७
*
न लौटे जाने वाले जब नगर की ओर तज इसको
हुआ है गाँव अपना भी नगर आहिस्ता आहिस्ता/८
*
न समझो मान  है  चुप्पी  दरीचे उठ नहीं सकते
खुलेंगे पीठ पीछे सब अधर आहिस्ता आहिस्ता/९
*
भले ही नून  कंकड़  शूल  पथ  में  आपने ने डाले
'मुसाफिर' तय करेगा ये सफर आहिस्ता आहिस्ता/१०
*
मौलिक/अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

Views: 524

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 17, 2021 at 8:48pm

आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और सराहना के लिए धन्यवाद।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 17, 2021 at 8:21pm

वाह वाह आदरणीय धामी जी बड़ी ही खूबसूरत ग़ज़ल कही....बधाई

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 10, 2021 at 10:43pm

आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन। गजल पर आपकी उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार । टंकण त्रुटि की ओर ध्यान दिलाने के लिए धन्यवाद।

Comment by Samar kabeer on December 10, 2021 at 3:10pm

जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।

'तपिस आने लगी है जो इधर आहिस्ता आहिस्ता'

इस मिसरे में 'तपिस' को "तपिश" लिखना उचित होगा ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 9, 2021 at 1:30pm

आ. भाई श्यामनारायण जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद.

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 9, 2021 at 1:30pm

आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद.

Comment by Shyam Narain Verma on December 9, 2021 at 11:03am
नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर
Comment by TEJ VEER SINGH on December 8, 2021 at 4:22pm

हार्दिक बधाई आदरणीय मुसाफ़िर जी। लाजवाब ग़ज़ल। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. भाई महेन्द्र जी, अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। हार्दिक बधाई। गुणीजनो की सलाह से यह और…"
27 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, बेह्तरीन ग़ज़ल से आग़ाज़ किया है, सादर बधाई आपको आखिरी शे'र में…"
3 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा जी बहुत धन्यवाद"
4 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी, आपकी बहुमूल्य राय का स्वागत है। 5 में प्रकाश की नहीं बल्कि उष्मा की बात है। दोनों…"
4 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी। आप की मूल्यवान राय का स्वागत है।  2 मय और निश्तर पीड़ित हृदय के पुराने उपचार…"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय महेंद्र कुमार जी नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी ।सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए। अच्छी ग़ज़ल हेतु आपको हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए।  ग़ज़ल हेतु बधाई। कंटकों को छूने का.... यह…"
5 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा यादव जी ।सादर नमस्कार।ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।गुणीजनों के इस्लाह से और निखर गई है।"
5 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय euphonic amit जी आपको सादर प्रणाम। बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय त्रुटियों को इंगित करने व…"
5 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी बहुत बहुत शुक्रिया आपका इतनी बारीक़ी से हर बात बताने समझाने कनलिये सुधार का प्रयास…"
5 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय, अमित जी, आदाब आपने ग़ज़ल तक आकर जो प्रोत्साहन दिया, इसके लिए आपका आभारी हूँ ।// आज़माता…"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service