For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आहट की संभावना, करवट का आभास,
पुलक देह ने भर छुअन, लिया मुग्ध उच्छ्वास

नस-नस झंकृत राग-लय, तन-तन लहर गुँजार
बासंती मनमुग्ध को, प्यार प्यार बस प्यार !

पता नहीं किस ठौर से, आयी अल्हड़ भोर
तन मन से बेसुध मगर, मुग्ध नयन की कोर

तन्वंंगी अल्हड़ लता, बैठी उचक मुँडेर
खेल रही है धूप में, बासंती सुर टेर ।
***

सौरभ
(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 935

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 16, 2022 at 12:20am

आदरणीय समर साहब, आपकी आमद, और देखिए कि बासंती दोहों का ढंग उमंग की तरंग पर उचंग हुआ खुशरंग हो गया.

जय-जय, शुभ-शुभ 

Comment by Samar kabeer on February 15, 2022 at 3:16pm

जनाब सौरभ पाण्डेय जी आदाब, बहुत उम्द: बासंती दोहे हुए हैं, हर दोहा अपने आप में क़ीमती है, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on February 12, 2022 at 6:02pm

आदरणीय, आपके द्वारा "उच्छ्वास" शब्द के विन्यास और मात्राभार को बारीकी और सुंदर ढंग से समझाने के लिए आपका हार्दिक आभार।

स्पष्टतया शंका का समाधान हुआ।  सादर। 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 12, 2022 at 1:13am

उत्साहवर्धन के लिए आपका  हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय अमीरुद्दीन ’अमीर’ साहब 

’उच्छ्वास’ शब्द की अक्षरी है, उच्छ्+वा+स.

अर्थात इस शब्द में जो ’छ’ है, वह ’च’ के साथ आधा है और दोनों ’वा’ के साथ संयुक्त हैं.  इस तरह इस शब्द का विन्यास  २ २ १  होता है. अतः इस शब्द का उच्चारण  उच्+छ+वा+स की तरह नहीं, बल्कि उच्छ्+वा+स  की तरह करते हैं. 

विश्वास है, आपकी शंका का समाधान हो पाया होगा. 

शुभातिशुभ

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on February 11, 2022 at 11:48pm

आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी, सुंदर दोहे हुए हैं हार्दिक बधाई स्वीकार करें।

आदरणीय... "लिया मुग्ध उच्छ्वास" इस सम चरण की मात्रा गणना क्या ऐसे नहीं होगी...

 "लिया मुग्ध उच्छ्वास"                 

 "1 2   2 1  2 1 2 1"       कृपया मार्गदर्शन करें,  सादर। 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 11, 2022 at 10:25pm

उत्साहवर्द्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी जी.

जय-जय

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 8, 2022 at 2:32pm

आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। एक से बढ़कर एक दोहे हुए हैं। असीम हार्दिक बधाई।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 7, 2022 at 12:37pm

आदरणीय सुशील सरनाजी, उत्साहवर्द्धन हेतु हार्दिक धन्यवाद 

शुभ-शुभ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 7, 2022 at 12:36pm

आदरणीय चेतन प्रकाश जी, अनुमोदन हेतु आपका हार्दिक आभार

Comment by Sushil Sarna on February 6, 2022 at 9:53pm
वाहहहहहह आदरणीय सौरभ जी वाह बहुत ही सुंदर अनुपम अप्रतिम दोहावली का सृजन हुआ है । दिल से बधाई स्वीकार करें सर ।सादर नमन

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय  निलेश जी अच्छी ग़ज़ल हुई है, सादर बधाई इस ग़ज़ल के लिए।  "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि शुक्ल भैया,आपका अलग सा लहजा बहुत खूब है, सादर बधाई आपको। अच्छी ग़ज़ल हुई है।"
4 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
Tuesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
Monday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service