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आहट की संभावना, करवट का आभास,
पुलक देह ने भर छुअन, लिया मुग्ध उच्छ्वास

नस-नस झंकृत राग-लय, तन-तन लहर गुँजार
बासंती मनमुग्ध को, प्यार प्यार बस प्यार !

पता नहीं किस ठौर से, आयी अल्हड़ भोर
तन मन से बेसुध मगर, मुग्ध नयन की कोर

तन्वंंगी अल्हड़ लता, बैठी उचक मुँडेर
खेल रही है धूप में, बासंती सुर टेर ।
***

सौरभ
(मौलिक और अप्रकाशित)

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 16, 2022 at 12:20am

आदरणीय समर साहब, आपकी आमद, और देखिए कि बासंती दोहों का ढंग उमंग की तरंग पर उचंग हुआ खुशरंग हो गया.

जय-जय, शुभ-शुभ 

Comment by Samar kabeer on February 15, 2022 at 3:16pm

जनाब सौरभ पाण्डेय जी आदाब, बहुत उम्द: बासंती दोहे हुए हैं, हर दोहा अपने आप में क़ीमती है, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on February 12, 2022 at 6:02pm

आदरणीय, आपके द्वारा "उच्छ्वास" शब्द के विन्यास और मात्राभार को बारीकी और सुंदर ढंग से समझाने के लिए आपका हार्दिक आभार।

स्पष्टतया शंका का समाधान हुआ।  सादर। 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 12, 2022 at 1:13am

उत्साहवर्धन के लिए आपका  हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय अमीरुद्दीन ’अमीर’ साहब 

’उच्छ्वास’ शब्द की अक्षरी है, उच्छ्+वा+स.

अर्थात इस शब्द में जो ’छ’ है, वह ’च’ के साथ आधा है और दोनों ’वा’ के साथ संयुक्त हैं.  इस तरह इस शब्द का विन्यास  २ २ १  होता है. अतः इस शब्द का उच्चारण  उच्+छ+वा+स की तरह नहीं, बल्कि उच्छ्+वा+स  की तरह करते हैं. 

विश्वास है, आपकी शंका का समाधान हो पाया होगा. 

शुभातिशुभ

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on February 11, 2022 at 11:48pm

आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी, सुंदर दोहे हुए हैं हार्दिक बधाई स्वीकार करें।

आदरणीय... "लिया मुग्ध उच्छ्वास" इस सम चरण की मात्रा गणना क्या ऐसे नहीं होगी...

 "लिया मुग्ध उच्छ्वास"                 

 "1 2   2 1  2 1 2 1"       कृपया मार्गदर्शन करें,  सादर। 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 11, 2022 at 10:25pm

उत्साहवर्द्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी जी.

जय-जय

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 8, 2022 at 2:32pm

आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। एक से बढ़कर एक दोहे हुए हैं। असीम हार्दिक बधाई।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 7, 2022 at 12:37pm

आदरणीय सुशील सरनाजी, उत्साहवर्द्धन हेतु हार्दिक धन्यवाद 

शुभ-शुभ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 7, 2022 at 12:36pm

आदरणीय चेतन प्रकाश जी, अनुमोदन हेतु आपका हार्दिक आभार

Comment by Sushil Sarna on February 6, 2022 at 9:53pm
वाहहहहहह आदरणीय सौरभ जी वाह बहुत ही सुंदर अनुपम अप्रतिम दोहावली का सृजन हुआ है । दिल से बधाई स्वीकार करें सर ।सादर नमन

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