एक दीप उस द्वार भी जले
खुला जो रहा कई बरस
रोशनी को जो रहा तरस |
एक दीप उन दीवारों पर
जो पपड़ीली रुखड़ी सी हैं
घोर तमस में उखड़ी सी हैं |
दीप धरो उस ताखे पर भी
जिस पर माँ की मूरत है
कितनी खूबसूरत है |
दीप जलाओ ओसारे में
बाबा जिसमे रहते थे
जुग जुग जीओ कहते थे |
दीप जले तुलसी चौरे पर
देती नित आशीष हमें
खुशियों की बख्शीश हमें |
एक दिया उस देहरी पर धर
राह तक रहा परदेसी का
दिन लौटे उस घर में ख़ुशी का |
एक दिया कवि के चरणों में
जिसकी कृतियाँ थाती हैं
सच की राह दिखाती हैं |
दिया एक उन चौबारों पर
जो अतीत की गाथा कहते
वर्तमान की घातें सहते |
एक दीप मन के मंदिर में
क्लेश द्वेष सब दूर करे
नेह छोह के भाव भरे |
- अभिनव अरुण {23102011}
Comment
//दीप जलाओ ओसारे में
बाबा जिसमे रहते थे
जुग जुग जीओ कहते थे |//
आपकी ये रचना दिल को छु गयी अभिनव जी
Apki utsaahvarddhak tippani ke liye abhaar shri Saurabh ji !! " ek diya aap jaise sameekshakon aur sahityik jano ke samman men bhi "
//दिया एक उन चौबारों पर
जो अतीत की गाथा कहते
वर्तमान की घातें सहते |//
सकारात्मक और उदार इच्छाओं का समुच्चय मनोहारी है.
बधाई.
स्वागत है मित्र अभिनव जी !
//एक दिया कवि के चरणों में
जिसकी कृतियाँ की थाती हैं
सच की राह दिखाती हैं |
दिया एक उन चौबारों पर
जो अतीत की गाथा कहते
वर्तमान की घातें सहते |//
आदरणीय अरुण जी ! जिसे लोग विस्मृत कर बैठे हैं उसे भी आपकी इस रचना नें मान दिया है ! इस सार्थक सृजन हेतु आपको हार्दिक बधाई मित्रवर !
thanks dushyant ji aapne is rachna ko padha aur tippani di abhaar aapka . aisi rachnao ke pathak aaj kam hain .jeevan kee bhaag daud men sahity vastav me hashiye par hai but thanks to OBO for this good apportunity .
वाह वाह अरुण जी, दीपावली पर इससे बेहतर कामना क्या हो सकती है की उन हिस्सों को रोशन किया जाए जहाँ रोशनी को रास्ता न मिला हो, आपकी पंक्तियाँ यथार्थ रूप ले इन्ही कामनाओं के साथ दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें पूरे सेवक परिवार की ओर से
जब तक है अँधेरे का अंदेशा !! HAPPY FESTIVITY !!
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