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वैलेंटाईन दिवस पर कुछ दोहे......

प्रेम तो है परमात्मा, पावन अमर विचार.
इसको तुम समझो नहीं , महज देह व्यापार.

प्रेम गली कंटक भरी, रखो संभलकर पांव.
जीवन भर भरते नहीं, मिलते ऐसे घाव.

'दर्पण' हमसे लीजिए, बड़े काम की सीख.
दे दो, पर मांगो नहीं, कभी प्यार की भीख.

मन से मन का हो मिलन, तो ही सच्चा प्यार.
मन के बिना जो तन मिले, बड़ा अधम व्यवहार . ... दर्पण

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Comment by Pradeep Bahuguna Darpan on February 15, 2012 at 11:54am
Aap sabhi ka bahut bahut dhanyawad ....
Comment by AVINASH S BAGDE on February 15, 2012 at 11:24am

मन से मन का हो मिलन, तो ही सच्चा प्यार.
मन के बिना जो तन मिले, बड़ा अधम व्यवहार . ... दर्पण

अच्छे दोहे।

Comment by Abhinav Arun on February 14, 2012 at 3:54pm

बहुत सुन्दर और समीचीन ! सीख देते दोहे -

'दर्पण' हमसे लीजिए, बड़े काम की सीख.
दे दो, पर मांगो नहीं, कभी प्यार की भीख.

हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 14, 2012 at 11:31am

bahut sarthak dohe.shubhkamnayen.

Comment by Pradeep Bahuguna Darpan on February 14, 2012 at 11:25am
Dhanyawad seema ji....
Comment by Pradeep Bahuguna Darpan on February 14, 2012 at 11:15am
Saurabh ji... Aur ashish ji... Aap ka bahut bahut aabhar .......

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 14, 2012 at 10:09am

शिल्प और कथ्य दोनों के लिहाज से बेहतर दोहे.

शुभकामनाएँ..

Comment by आशीष यादव on February 14, 2012 at 7:22am
अच्छे एवँ नेक दोहे।

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