Comment
आदरणीया वंदना जी .. आपका हार्दिक धन्यवाद /
दोनों कवितायेँ बहुत सुन्दर कहीं हैं महिमा जी, बधाई स्वीकार करें और आदरणीय सौरभ भाई जी की बात पर अवश्य ध्यान दें.
किसानों की व्यथा और उनकी दुर्दशा सामाजिक असंवेदनशीलता के कारण ही है. यह बात मुखरित हो कर आयी भी है.
महिमा श्री आपके लेखन और उसके निहितार्थ पर बधाइयाँ.
टंकण त्रुटियों की ओर वकोध्यान रहे. रचना को पढ़ते समय उनका होना बहुत खलता है.
स्नेही महिमा जी, सस्नेह
i like that stories
आदरणीय रेखा जी , नमस्कार
सराहने और उत्साहवर्धन के लिए आपका ह्रदय से शुक्रिया
आदरणीय डॉ सूरज सर , नमस्कार
आपके प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से आभारी हूँ / बिलकुल डॉ साहब कुछ पल ही सही पर अपनी आरामदायक दुनिया से बाहर निकल के उन किसानो के लिए भी मन में भी चिंतन आना चाहिए जिनके वजह से हम सुस्वाद भरे व्यंजन का प्रतिदिन स्वाद लेते है और अच्छे कपडे पहन कर रहते है /
आपका बहुत धन्यवाद उत्साहवर्धन के लिए
आदरणीया राजेश दी , नमस्कार
बिलकुल सही चिंता व्यक्त किया है आपने किसानो के लिए, सरकार की नीतियाँ बहुत हद तक किसानो की बर्बादी का सबब है . बहुरास्ट्रीय कृषि व्यापार कंपनियों से विदेशी हायब्रिड बीज खरीदने के लिए दबाब डालना , फिर उसके लिए महंगे खाद और कीटनाशको का इंतजाम ..इन सब के लिए बैंक से कर्ज और अगर फसल बर्बाद हो गयी तो , फिर से आयातित बीजो के लिए सरकार का मुंह ताकना आदि किसानो को आत्महत्या करने को विवश कर रही है और प्रतिवर्ष अनुपात दुगना ही होता जा रहा है /
आपके विस्तृत प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से आभारी हूँ
महिमा जी ,किसानो पर दोनों ही रचनाये .बहुत बढ़िया लिखी है ,बधाई
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online